पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस नेता और NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखे हमले किए हैं। पटना में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बिहार में लगातार बारिश हो रही है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जुमलों की बारिश कर रहे हैं। कन्हैया ने कहा कि प्रधानमंत्री बिहार में हर बार आते हैं, लेकिन जनता के असली मुद्दों पर बात नहीं करते।

प्रधानमंत्री की घड़ी 1990 में अटकी है

कन्हैया कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की घड़ी 1990 के दशक में अटक गई है। प्रधानमंत्री को चारा से इतना प्रेम हो गया है कि जहां भी जाते हैं, बिहार में विकास की बात नहीं करते, बस ‘चारा-चारा’ गाते हैं। 20 साल से यही सिलसिला चल रहा है। बिहार के लोग अब इस दोहराए हुए डिस्कोर्स से थक चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पास बिहार के विकास का कोई ठोस विजन नहीं है, सिर्फ पुराने मुद्दों को उछालकर चुनाव जीतने की कोशिश हो रही है।

घोषणा पत्र पर बात करने का समय नहीं

एनडीए के घोषणा पत्र पर तंज कसते हुए कन्हैया ने कहा हमने सरकार से 20 सवाल पूछे थे, लेकिन सरकार के पास जवाब नहीं। 20 साल की सरकार के पास अपने घोषणा पत्र पर बात करने के लिए 20 सेकेंड का भी वक्त नहीं था। यह दर्शाता है कि सरकार को बिहार की जनता की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में घोषणा पत्र एक वादा होता है, लेकिन एनडीए का संकल्प पत्र महज एक राजनीतिक फोटोशूट बनकर रह गया है।

बढ़ता अपराध, पलायन और फेल सुशासन

कन्हैया कुमार ने एनसीआरबी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार में अपराध के हर ग्राफ में वृद्धि हुई है। ऐसा कोई अपराध नहीं है, जिसमें बिहार में बढ़ोतरी नहीं हुई हो।
यह जो सुशासन का दावा किया जा रहा है, वह पूरी तरह झूठा है। असल में बिहार जंगलराज से भी बदतर स्थिति में पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि बिहार के युवा नौकरी की तलाश में पलायन करने को मजबूर हैं।

सरकार के तमाम दावे फेल

बिहार के विकास की गाड़ी वहीं खड़ी है, जहां 20 साल पहले थी। पेपर लीक, लाठीचार्ज और भ्रष्टाचार – यही है सुशासन? कन्हैया ने शिक्षा व्यवस्था और भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए। सड़क बनाने में चाहे लापरवाही हो, लेकिन टोल टैक्स वसूली एकदम दुरुस्त है। पिछले 20 महीनों में हर दूसरे महीने पेपर लीक और अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज हुआ है। क्या यही सुशासन है? उन्होंने कहा कि तीन साल की डिग्री पांच साल में पूरी हो रही है और 90 के दशक का सिलेबस अब भी बिहार के विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है। यही है बिहार का असली विकास मॉडल!

नीतीश की कुर्सी सरकाने की तैयारी में बीजेपी

कन्हैया कुमार ने बड़ा राजनीतिक दावा करते हुए कहा कि भाजपा अब नीतीश कुमार की कुर्सी सरकाने की प्लानिंग कर चुकी है। वे फिलहाल नीतीश कुमार का उपयोग कर रहे हैं, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें किनारे कर देंगे। उन्होंने कहा कि अगर जनता इस बार भी मौजूदा सरकार को वोट देती है, तो यह भटकाने, लड़ाने और गुमराह करने वाली राजनीति को बढ़ावा देना होगा।

पीएम मोदी का छठ विवाद और यमुना पर तंज

छठ पर्व और राहुल गांधी से जुड़े विवाद पर कन्हैया ने कटाक्ष किया प्रधानमंत्री बताएं कि राहुल गांधी ने आखिर छठ मैया का अपमान कैसे किया? प्रधानमंत्री खुद गंगा में डुबकी नहीं लगाते, उनके लिए स्पेशल तालाब बनाया जाता है ताकि उन्हें स्क्रीन प्रॉब्लम न हो। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा अगर पीएम मोदी यमुना में नहाएंगे तो उनकी स्किन भरभरा जाएगी। शायद अगर वो एक बार डुबकी लगा लें तो यमुना भी साफ हो जाए। कन्हैया ने हंसते हुए कहा कि अभी तक बोलने पर जीएसटी नहीं लगा है जिस दिन लग जाएगा, तब देखेंगे!

बिहार को जुमलों नहीं, जवाबदेही की जरूरत

कन्हैया कुमार ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि बिहार अब जुमलों की नहीं, जवाबदेही की राजनीति चाहता है। लोगों को बरगला कर, झूठे वादे कर और घोषणाएं करके वोट लेना अब नहीं चलेगा। बिहार की जनता समझ चुकी है कि असली विकास काम से होता है, भाषणों से नहीं।