दीपावली नजदीक हो और आपके रहने के आशियाने छीन जाए तो आपको कैसा लगेगा ? घरों को रौशन करने की आप जो सपने संजोए हुए वो पल भर में चूर हो जाए तो आपको कैसा लगेगा ? लेकिन ठीक कुछ ऐसा ही किया है प्रशासन ने. अतिक्रमण कर प्रशासन ने 20 परिवार के आशियाने छीन लिए. जिस घर को परिवार रौशनी में तब्दील करने जा रहे थे उसे प्रशासन ने तोड़ कर खंडहर में तब्दील कर दिया है. अब ऐसे में इन परिवार के रहने के लिए छत नहीं रह गया है. क्योंकि प्रशासन ने इनके रहने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की है. कहीं दूसरे जगह पर शिफ्ट करने का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है.

सुशील सलाम,कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर के नरहरपुर ब्लॉक के जामगांव में प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया है. प्रशासन ने करीब तीस सालों से काबिज़ लोगों के घरों में अतिक्रमण कर बेघर कर दिया है. अपने घरों को टूटता देख महिलाओं के आंखों से आंशू नहीं थम रहे थे. दीवाली के पहले आशियाना उजड़ते देख महिलाएं फूट-फूटकर रोने लगी. प्रशासन के आगे गुहार लगाते रहे, लेकिन उनका सुनने वाला कोई नहीं था.

दरअसल मामला बाज़ार के जमीन पर अवैध कब्जा कर घर बनाने का है. ग्राम पंचायत ने कांकेर कलेक्टर से शिकायत की थी कि जामगांव के बाज़ार स्थल में अतिक्रमण के चलते बाज़ार स्थल छोटा हो गया है. जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार को जमीन खाली करवाने ग्रामीणों को नोटिस थमाया. जब घर खाली नहीं हुआ तो तलसीलदार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरु कर दी. एक-एककर प्रशासन के अधिकारी कर्मचारियों ने 20 घर तोड़ दिए.

30 सालों से जमीन पर थी काबिज

पीड़ितों का कहना है कि वो लगभग तीस वर्षों से वो वहां काबिज़ है. इसके बावजूद उन्हें बेदखल किया गया है. दीपावली नजदीक आ रहा है ऐसे अवसर पर वे क्या करेंगे ? कहां रहेंगे ? उनका तो आशियाना ही उजाड़ दिया गया है. महिलाएं रोती बिलखती रहीं.

पट्टा नहीं होने पर हुई कार्रवाई

तहसीलदार ने बताया कि 20 परिवार जिनकी शिकायत ग्राम पंचायत ने प्रशासन से की थी. उनके पास पट्टा भी नहीं है. जिनके पास पट्टा मौजूद हैं, उन पर कोई कारवाई नहीं की गई है.

अब देखना यह होगा कि बेघर हुए 20 परिवारों को नया आशियाना मिलता है या नहीं ? क्या दीपावली से पहले इनके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी ? या फिर यूं ही इनकी दीवाली अधेरे में ही गुजरेगी ?

https://youtu.be/Y5NCUv9u81s