कांकेर. रियासत काल से चल रही परंपरा के अनुसार दशहरा के दिन राजपरिवरा ने आंगा देव विशेष पूजा-अर्चना की. राजपरिवार के सूर्य प्रताप देव ने आंगा देव की पूजा-अर्चना कर लोगों की खुशहाली की कामना की. इस अवसर पर देवी-देवताओं का दर्शन करने शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से सैकड़ों की संख्या में लोग दर्शन करने राजमहल पहुंचे थे.

बता दें कि कांकेर जिले में वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है कि दशहरे के एक सप्ताह पहले तक आसपास क्षेत्र में स्थित मंदिरों के आंगा देव शहर में स्थित मंदिरों में इकट्ठा होते हैं. इसके पश्चात दशहरे के दिन बाजे-गाजे के साथ राज महल में प्रवेश करते हैं. इस दशहरा को देखने के लिए विदेशी सैलानी भी प्रत्येक वर्ष पहुंचते हैं.

दौ सौ साल पुरानी है परंपरा

एक अनुमान के अनुसार यह परंपरा दो सौ वर्ष से पहले से चली आ रही परंपरा है. इस प्रकार दशहरा के दिन राजपरिवार द्वारा देवी-देवताओं की विशेष पूजा-अर्चना कर सभी की खुशहाली की कामना की जाती हैं, व देवी-देवताओं से आशीर्वाद लिया जाता है.

जानिए विश्वविख्यात बस्तर दशहरा के बारे में…