27 सितंबर को अबु धाबी में आईफा अवार्ड 2024 (IIFA Award 2024) का आयोजन किया गया था. जहां हिंदी, कन्नड़, तमिल, तेलुगु और मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई सितारों को उनके शानदार काम के लिए सम्मानित किया गया है. कन्नड़ फिल्ममेकर हेमंत राव (Hemant Rao) ने भी आईफा अवार्ड 2024 (IIFA 2024) में शिरकत किया था, लेकिन उन्हें कोई अवॉर्ड नहीं मिला है. जिसके कारण अब वो गुस्सा हो गए हैं और गुस्सा जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट शेयर किया है.

आईफा को बताया अपमानजनक

बता दें कि हेमंत राव (Hemant Rao) की जगह बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड कांतारा डायरेक्टर थारून किशोर सुधीर (Tharun Kishore Sudhir) को दिया गया है. जिसके बाद अब हेमंत राव (Hemant Rao) ने सोशल मीडिया पर पर एक पोस्ट शेयर कर आईफा पर गुस्सा निकालते हुए कहा कि “पूरा IIFA अनुभव बहुत बड़ी असुविधा और बेहद अपमानजनक था. मैं एक दशक से भी ज़्यादा समय से इस इंडस्ट्री में हूं और यह अवॉर्ड शो में मेरा पहला अनुभव नहीं था. हमेशा से ऐसा होता रहा है कि विजेताओं को विमान से लाया जाता है और इवेंट के लिए होस्ट किया जाता है. उदाहरण के लिए मैं सुबह 3 बजे तक बैठा रहा और फिर मुझे एहसास हुआ कि कोई अवॉर्ड नहीं है. मेरे म्यूजिक डायरेक्टर चरण राज के साथ भी यही हुआ.” Read More – 1 साल बाद Honey Singh को आई बहन की याद, सरप्राइज देने मेलबर्न पहुंचे सिंगर …

आईफा में जिक्र न होने से खफा डायरेक्टर

डायरेक्टर ने आगे लिखा, “यह आपका पुरस्कार है. आप इसे जिसे चाहें दे सकते हैं. यह आपकी पसंद है. मैंने बहुत सारे पुरस्कार नहीं जीते हैं और इस पर मेरी नींद भी नहीं उड़ी है, इसलिए ये अंगूर इतने खट्टे भी नहीं हैं. अगर सभी अन्य नॉमिनेटेड व्यक्तियों को आमंत्रित किया जाता और उनमें से एक विजेता निकलता. तो मैं परेशान होने की जहमत नहीं उठाता. साथ ही इस साल का फॉर्मेट सिर्फ पुरस्कार देने का था. नॉमिनेटेड व्यक्तियों का जिक्र तक नहीं किया गया.” Read More – Bhool Bhulaiyaa 3 का नया पोस्टर आया सामने, दीवाली पर खुलेगा तंत्र और मंत्र के साथ बंधा दरवाजा …

आईफा को प्रतिभा की जरूरत

हेमंत राव (Hemant Rao) ने लिखा कि “शायद आपको और आपकी टीम को यह एहसास होने में कुछ समय लग गया है. आपके पुरस्कार समारोह आपके मंच पर प्रस्तुत प्रतिभा पर चलते हैं, इसके विपरीत नहीं. दुनिया में सबसे बेहतरीन काम का आनंद लेने के लिए मुझे आपके पुरस्कार की जरूरत नहीं है. अगली बार आपको अपने मंच पर मेरी जरूरत होगी और मुझे यकीन है कि ऐसा होगा. अपना पुरस्कार लें और इसे ऐसी जगह रखें जहां सूरज न चमके.”