Kanpur ACP Mohsin Khan Case : कानपुर में बलात्कार की शिकार IIT की स्टूडेंट न्याय की उम्मीद खो रही है. पीड़ित ने आत्महत्या करने की धमकी दी है. पीड़ित हिंदू छात्रा, बंगाली समुदाय की है और IIT से PhD कर रही है. बताया जा रहा है कि पीड़िता ने एक वीडियो पोस्ट किया है.

वीडियो में पीड़िता ने कहा कि पुलिस प्रशासन मोहसिन खान एसीपी को बचा रहा है.कोई कार्रवाई नहीं हुई.सबूत दिए गए, बयान दर्ज हुआ. घटनास्थल पर मोहसिन खान एसीपी की मौजूदगी भी प्रमाणित हुई लेकिन पुलिस ने एक्शन नहीं लिया.अब कोर्ट से भी इंसाफ नहीं मिला.

पीड़िता को आशंका है कि उसके खिलाफ मोहसिन खान के आका लोग FIR करवा सकते हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध में जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाले मोहसिन खान एसीपी पर कार्रवाई से पीछे हट गए.

बलात्कार की FIR होने के बाद भी उसे सस्पेंड नहीं किया गया और न उसे इस घिनौने अपराध में बचाने वालों के खिलाफ कोई उच्च स्तरीय जांच के आदेश हुए. अब देखना होगा कि पीड़िता को इंसाफ मिलता है या नहीं.

पीड़िता ने कहा कि वह मेरे खिलाफ झूठे आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करने की कोशिश कर सकते हैं, जो मुझ पर समझौता करने के लिए दबाव बनाने जैसे होगा. वह मेरे भविष्य के साथ भी खिलवाड़ है, क्योंकि मैं सरकारी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही हूं और विदेश में भी नौकरी की तलाश कर रही हूं.

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इस व्यवसथा में न्याय पाने की उम्मीद कैसे कर सकती हूं?

X पर पोस्ट कथित वीडियो में पीड़िता ने कहा, इस व्यवस्था में न्याय पाने की उम्मीद कैसे कर सकती हूं. इस पोस्ट के माध्यम से उत्तर प्रदेश पुलिस से अपील करती हूं कि मोहसिन खान या उनके सहयोगियों द्वारा मेरे खिलाफ कोई झूठा मामला दर्ज न किया जाए, भले ही मूल शिकायत के लिए मुझे न्या न मिल सके, लेकिन आगे की उत्पीड़न से बचाने में मेरी मदद की जाए.

सोशल मीडिया पर पोस्ट किया वीडियो

बता दें कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक पर एक पोस्टर वायरल हो रही है. इस पोस्ट डालने वाले ने खुद को आईआईटी की पीएचडी छात्र बताया है. उसने कहा है कि मैं कल्याणपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर की शिकायतकर्ता हूं. पीपीएस अधिकारी मोहम्मद मोहसिन खान से पीड़ित हूं और अपने ऊपर लगाए जा रहे झूठे आरोपों के गंभीर परिणाम को लेकर चिंतित हूं. इतने जघन्य अपराध का शिकार होने की बावजूद अब मोहसिन खान और उनके वकील गौरव दीक्षित द्वारा बदनामी की शिकार बन रही हूं. मैं जानती हूं कि अपने बचाव का उन्हें अधिकार है, लेकिन उनकी रणनीति गंभीर रूप से चिंताजनक है.

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