विक्रम मिश्रा, कानपुर. जेल में बंद चर्चित अधिवक्ता अखिलेश दुबे मामले में नया मोड़ आया है. अखिलेश के दरबार में हाजिरी लगाने वाले तीनों सीओ के परिजन और रिश्तेदार कंस्ट्रक्शन कंपनी में 20-20 फीसदी के हिस्सेदार पाए गए हैं. एसआईटी की जांच में ये साफ हो गया है. इस कंपनी में अखिलेश का बेटा और उसका भतीजा भी साझीदार हैं. इनकी नजर विवादित जमीनों पर रहती है. मामले की पड़ताल कर रही एसआईटी अब इस कंस्ट्रक्शन कंपनी के माध्यम से की गई संपत्तियों की खरीद-फरोख्त की जांच करा रही है.
शहर में तैनाती के दौरान अखिलेश के दरबारी रहे वर्तमान में मैनपुरी में सीओ ऋषिकांत शुक्ला, लखनऊ में सीओ विकास पांडेय और हरदोई में सीओ संतोष सिंह को एसआईटी ने कारण बताओ नोटिस भेजे हैं. ये सभी अखिलेश के साथ व्यापारिक रूप से जुड़े हैं. इन लोगों ने अखिलेश के कहने पर एक कंस्ट्रक्शन कंपनी बनाई थी. खुद नौकरी में होने के कारण कंस्ट्रक्शन कंपनी में ऋषिकांत शुक्ला की पत्नी प्रभा शुक्ला, विकास पांडेय के भाई प्रदीप पांडेय और संतोष कुमार सिंह के करीबी रिश्तेदार अशोक कुमार सिंह शामिल किए गए.
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एसआईटी से नोटिस मिलने के बाद दूसरे जिलों में तैनात सीओ ऋषिकांत शुक्ला, विकास पांडेय, संतोष सिंह और शहर में तैनात इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को तीन दिन के अंदर एसआईटी के समक्ष अपना पक्ष रखना है. ऐसे में माना जा रहा है कि सोमवार को यह लोग एसआईटी के सामने अपना पक्ष रखने आ सकते हैं. वहीं, केडीए उपाध्यक्ष के पूर्व पीए महेंद्र सोलंकी और कश्यपकांत दुबे को भी बयान दर्ज कराने का नोटिस दिया गया है. यह लोग भी एसआईटी के सामने पेश हो सकते हैं. महेंद्र सोलंकी वर्तमान में बस्ती प्राधिकरण में तैनात है.
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