नई दिल्ली। करगिल विजय दिवस को आज 21 साल पूरे हो गए हैं. इस अवसर पर पूरा देश शहीदों को नमन कर रहा है. राजधानी दिल्ली स्थित नेशनल वॉर मेमोरियल पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम है. जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस सहित तीनों सेना प्रमुखों के साथ सुबह 9 बजे पहुंचेंगे और शहीदों को नमन करेंगे.

करगिल महज दो देशों के बीच युद्ध की कहानी भर नहीं थी. यह सफेद बर्फ को अपने लहू से लाल कर देने वाले हिंदुस्तानी फौज की शौर्य, बलिदान और समर्पण की कहानी है. एक ऐसी कहानी जिसे जानकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं और भारत मां के उन सच्चे वीर सपूतों को दिल बार-बार सलाम करने को कहता है.

करगिल विजय दिवस भारत के स्वाभिमान, अद्भुत पराक्रम और दृढ़ नेतृत्व का प्रतीक है. शूरवीरों ने अपने अदम्य साहस से करगिल की दुर्गम पहाड़ियों से दुश्मन को खदेड़ कर दोबारा तिरंगा लहराया था. भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान सेना को खदेड़कर मां भारती के ललाट पर विजय का रक्त चंदन लगाया. मातृभूमि की रक्षा के लिए समर्पित भारत के वीरों पर देश को गर्व है.

कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है. 1999 में कारगिल युद्ध लगभग 60 दिनों तक चला और 26 जुलाई को उसका अंत हुआ. इसमें भारत की विजय हुई. इस दिन कारगिल युद्ध में शहीद हुए जवानों के सम्मान के लिए मनाया जाता है.