Karnataka Breakfast Politics Part-2: कर्नाटक में सीएम कुर्सी को लेकर मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Siddaramaiah) और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच जारी गतिरोध अब खत्म होने की दिशा में आगे बढ़ रही है। हाईकमान के निर्देशों का पालन करते हुए दोनों नेता चार दिन के अंदर दूसरी बाद ‘ब्रेकफास्ट’ के टेबल पर मिले हैं। जी हां.. आज कर्नाटक ‘ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स पार्ट-2’ का आयोजन हो रहा है। आज सीएम सिद्धारमैया डीके शिवकुमार के घर नाश्ते पर पहुंचे हैं। आज के ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स से सीएम कुर्सी विवाद खत्म होने का अंदेशा जताया जा रहा है।
इससे पहले दोनों ने विगत शनिवार को साथ में ब्रेकफास्ट किया था। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शनिवार को उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को अपने घर नाश्ते के लिए बुलाया था। तब दोनों नेताओं की ओर से दावा किया गया कि उनके बीच कोई मतभेद नहीं है।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया एकता दिखाते हुए डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के घर नाश्ते पर पहुंच गए हैं। डीप्टी सीएम डीके शिवकुमार और उनके भाई सुरेश ने सिद्धारमैया का स्वागत किया। डीके शिवकुमार के नाश्ते का मेन्यू भी सामने आ गया है, जिसमें इडली, नाटी चिकन, डोसा, उपमा और कॉफी जैसे व्यंजन हैं। CM सिद्धारमैया अकेले ब्रेकफ़ास्ट के लिए पहुंचे हैं। यह वन टू वन ब्रेकफ़ास्ट मीटिंग है।
DK ने मुख्यमंत्री को दिया नाश्ते का न्योता
हालांकि इससे एक दिन पहले सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि उन्हें अभी तक DK से कोई औपचारिक निमंत्रण नहीं मिला है और निमंत्रण मिलने पर वह जरूर जाएंगे। जबकि शिवकुमार की ओर से कहा गया कि यह उनके और मुख्यमंत्री के बीच का मामला है और वे भाइयों की तरह मिलकर काम कर रहे हैं।
पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में रहे शिवकुमार ने सोमवार शाम को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा, “मैं और मुख्यमंत्री एक टीम की तरह मिलकर काम करना जारी रखेंगे। मैंने मुख्यमंत्री को कल (मंगलवार) नाश्ते पर बुलाया है, ताकि राज्य से किए गए अपने वादों को पूरा करने के लिए हमारे सामूहिक प्रयासों पर चर्चा की जा सके और उन्हें मजबूत किया जा सके।
क्यों शुरू हुआ विवाद
2023 के विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद ही सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सीएम पद को लेकर रस्साकसी शुरू हो गई थी। दोनों सीएम पद पर अपनी दावेदारी जता रहे थे। बात इतनी बढ़ी कि दोनों नेताओं को पार्टी आलाकमान ने दिल्ली बुलाया। दिल्ली में समझौते के बाद तय हुआ कि सिद्धारमैया कर्नाटक सरकार की कमान संभालेंगे और शिवकुमार डिप्टी सीएम का पद संभालेंगे। हालांकि मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद संभालने का समझौता हुआ। हालांकि दोनों ही नेताओं और पार्टी ने आधिकारिक तौर पर इस रोटेशन फार्मूले की बात को कभी स्वीकार नहीं किया। हालांकि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार दो खेमों में बंटी नजर आई। कई विधायकों और मंत्रियों ने सिद्धारमैया का समर्थन किया तो कई ने शिवकुमार के समर्थन में आवाज बुलंद की। अब जब नवंबर में सिद्धारमैया सीएम पद पर ढाई साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं तो एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा ने जोर पकड़ लिया।
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