Karnataka Dharmasthala Mass Murder Case: कर्नाटक के बेलथंगडी स्थित धर्मस्थल मंदिर के पास दफनाई गई सैकड़ों लाशों का राज सामने लाने अब कर्नाटक सरकार ने SIT गठित कर दी है। धर्मस्थल में 19 साल सफाईकर्मी रह चुके नकाबपोश गवाह के दावों से हड़कंप है। दरअसल, धर्मस्थल में 19 सालों तक सफाईकर्मी के तौर पर काम करने वाले एक शख्स ने दावा किया था कि उसने अपने हाथों से सैंकडो लाशें ठिकाने लगाई हैं। उन लाशों में सबसे ज्यादा महिलाओं और लड़कियों की लाशें थीं, जिनका रेप करने के बाद उन्हें मार दिया गया था।

वहीं धर्मस्थल मास मर्डर का खुलासा होने से कथित सामूहिक हत्याओं को लेकर एक बार फिर जन आक्रोश को भड़का दिया है। RTI की रिपोर्ट में पुलिस द्वारा सभी सबूत मिटाने और कुत्ते की तरह लड़की का शव दफनाने समेत कई खुलासे हुए हैं।

RTI के माध्यम से लंबे समय से पुलिस की कार्यप्रणाली की जांच कर रहे जयंत ने बताया कि उन्होंने पहले बेलथंगडी पुलिस स्टेशन से गुमशुदा व्यक्तियों से संबंधित डेटा और उनकी तस्वीरों की मांग की थी। मामले में पुलिस की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी। उन्होंने कहा कि सभी दस्तावेज, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, दीवारों पर लगे पोस्टर, नोटिस और अज्ञात शवों की पहचान के लिए उपयोग की गई तस्वीरें ‘सामान्य प्रशासनिक आदेशों’ के तहत नष्ट कर दी गई हैं। आरटीआई दस्तावेजों से पता चला है कि बेलथंगडी पुलिस ने 2000 से 2015 के बीच ‘Unnatural Death Register – UDR’ में दर्ज सभी एंट्रीज हटा दीं। यह वही अवधि है, जिसमें कई संदिग्ध और बिना रिपोर्ट की गई मौतों के आरोप सामने आए थे।

अब, RTI कार्यकर्ता जयंत ने विशेष जांच दल (SIT) को एक औपचारिक शिकायत सौंपी है, जिसमें उन्होंने एक नाबालिग लड़की के शव को अवैध रूप से दफनाए जाने की घटना को स्वयं देखने का दावा किया है। जयंत का आरोप है कि घटना के दौरान कानूनी प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन किया गया और मौके पर कई अधिकारी मौजूद थे। उम्मीद की जा रही है कि SIT जल्द ही इस मामले में FIR दर्ज कर खुदाई (exhumation) की प्रक्रिया शुरू करेगी।

जयंत ने कहा, ‘2 अगस्त को मैंने SIT में एक शिकायत दर्ज कराई है। यह शिकायत उस घटना पर आधारित है जिसे मैंने अपनी आंखों से देखा था। मैंने उस समय वहां मौजूद सभी लोगों के नाम बताए हैं, जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं। जब उस लड़की का शव मिला था, तब सभी कानूनी प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन किया गया। उन्होंने शव को ऐसे दफनाया जैसे कोई कुत्ते को दफनाता है। वह मंजर कई साल से मुझे डरावने सपने की तरह सताता रहा है। दो साल पहले ही मैंने कहा था कि अगर कभी ईमानदार अधिकारी इस मामले की जांच संभालेंगे, तो मैं पूरी सच्चाई सामने लाऊंगा। अब वह समय आ गया है, इसलिए मैंने यह शिकायत दर्ज करवाई है। इस कदम के पीछे न तो कोई मुझे उकसा रहा है और न ही कोई मुझे प्रभावित कर रहा है।

धर्मस्थल मंदिर कर्नाटक के मंगलुरु के पास है। यह मंदिर भगवान शिव के एक रूप श्री मण्जुनाथ का है।

उन्होंने कहा, ‘एक RTI कार्यकर्ता के रूप में, मैंने बेलथंगडी पुलिस स्टेशन में एक आवेदन दायर कर सभी गुमशुदगी की शिकायतों और उनसे संबंधित तस्वीरों का रिकॉर्ड मांगा था। लेकिन अपने जवाब में पुलिस ने दावा किया कि गुमशुदगी से जुड़ी सभी शिकायतों के रिकॉर्ड नष्ट कर दिए गए हैं। आज के डिजिटल युग में, बिना डेटा को डिजिटाइज किए इस तरह जानकारी को नष्ट कैसे किया जा सकता है?’

पूर्व कर्मचारी ने किया था खुलासा
दरअसल, धर्मस्थला में 19 साल तक बतौर सफाई कर्मचारी काम करने वाले एक शख्स ने ये सनसनीखेज खुलासा किया था कि उसने 1995 से लेकर 2014 तक अपने हाथों से सैकड़ों लाशें या तो दफनाईं थी या फिर जला दी थी। एसपी को दिए शिकायत पत्र और फिर मजिस्ट्रेट के सामने 164 के तहत दर्ज बयान में भी उसने यही बात दोहराई थी। इसी की शिकायत पर कर्नाटक पुलिस ने एफआईआर दर्ज की और अब कर्नाटक सरकार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है।

क्या है 19 साल की कहानी
मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराने से पहले धर्मस्थला संस्थान के इस पूर्व सफाई कर्मचारी ने दक्षिण कन्नड़ डिस्ट्रिक्ट के एसएसपी के नाम एक कंप्लेन लेटर भी लिखा था। इस कंप्लेन लेटर में कायदे से धर्मस्थला में एक सफाई कर्मचारी के तौर पर गुजारे इसके पूरे 19 सालों की कहानी है. उस शिकायत पत्र या कंप्लेन लेटर के बाद 11 जुलाई यानि शुक्रवार को नकाब में छुपाकर इस सफाई कर्मचारी को बेल्थांगडी कोर्ट में पेश किया गया था।

सबूत के तौर पर इंसानी खोपड़ी लेकर पहुंचा था गवाह
जब ये नकाबपोश सफाई कर्मचारी पुलिस के पास अपनी शिकायत पत्र लेकर गया था। तब साथ में उसके हाथ में एक बोरी थी। उस बोरी में एक इंसानी खोपड़ी थी। सफाई कर्मचारी का दावा है कि जिन सैकड़ों लाशों को उसने दफनाया ये उन्हीं में से एक इंसानी खोपड़ी थी। वो सिर्फ पुलिस को यकीन दिलाने के लिए अपने साथ ये सबूत लेकर आया था।

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