बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई को दी गई सहमति को वापस लेने का फैसला लिया है. इस संबंध में जल्द ही अदालत को सूचित किया जाएगा. आय से अधिक सपंत्ति के मामले में सीबीआई ने डीके शिवकुमार के खिलाफ 2018 में केस दर्ज किया था. उस समय कर्नाटक में भाजपा सरकार थी.

कर्नाटक सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस नेता और कर्नाटक के मंत्री एचके पाटिल ने कहा कि बीजेपी की पूर्ववर्ती सरकार का सीबीआई को केस सौंपने का मामला कानून के अनुरूप नहीं था. उन्होंने दावा किया कि बीजेपी ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से पहले कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर की मंजूरी नहीं ली थी.

कर्नाटक सरकार के प्रस्ताव में सीबीआई जांच को रद्द करने के साथ मामले को राज्य की पुलिस को सौंपने की बात शामिल है. इस प्रस्ताव को एडवोकेट जनरल शशिकिरण शेट्टी की राय के आधार पर तैयार किया गया है.

बता दें कि सीबीआई ने डीके शिवकुमार के खिलाफ 2018 में केस दर्ज किया था. उस समय कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा मुख्यमंत्री थे. शिवकुमार ने इससे पहले अपने खिलाफ सीबीआई की एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाईकोर्ट का रुख किया था, लेकिन अदालत ने उनकी अर्जी को इसलिए खारिज कर दिया था क्योंकि सीबीआई की जांच लगभग पूरी हो गई थी.

भाजपा प्रमुख ने कसा तंज

कर्नाटक बीजेपी प्रमुख बीवाय विजेंद्र ने कर्नाटक सरकार के प्रस्ताव पर कहा कि अगर डीके शिवकुमार वास्तव में निर्दोष हैं, तो वह कानूनी प्रक्रिया से क्यों भाग रहे हैं? यह डीके शिवकुमार के लिए कर्नाटक के लोगों और पूरे देश को दिखाने का एक सुनहरा अवसर है कि वे ईमानदार हैं.