Karnataka CET Exam Janeu controversy:, कर्नाटक में सीईटी परीक्षा (CET Exam) में तीन छात्रों के ‘जनेऊ’ (पवित्र धागा) और कलावा जबरदस्ती उतरवाने का मामला आया है। यह घटना 16 अप्रैल को अदीचूंचनागिरी इंडिपेंडेंट पीयू कॉलेज परीक्षा केंद्र पर हुई। कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) के दौरान दो द्वितीय वर्ष के पीयू छात्रों से कथित रूप से ‘जनेऊ’ (पवित्र धागा) उतारने के लिए कहा गया। सुरक्षा कर्मियों ने छात्रों को जनेऊ उतारने के लिए मजबूर किया। जिस वजह से छात्र बिना परीक्षा दिए ही घर वापस लौट गए। इस घटना के बाद ब्राह्मण समुदाय के लोगों ने पुलिस से बात की और दोषी सुरक्षा गार्ड पर कार्रवाई की मांग की।
इस मामले में नटराज भागवत नाम के एक पैरंट की शिकायत के आधार पर केस भी दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने बीएनएस, 2023 की धारा 3 (5) के साथ पठित धारा 115 (2) 299,351 (1) और 352 के तहत प्राथमिकी दर्ज की है। राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
जानकारी के मुताबिक सेंटर पर तीन छात्रों को जनेऊ और हाथों में रक्षा सूत्र पहनने को लेकर रोक लिया गया। आरोप है कि कॉलेज के गेट पर मौजूद गार्ड ने दो छात्रों के जनेऊ और रक्षा सूत्र को भी खुलवा दिया। हालांकि, एक छात्र जनेऊ न खोलने पर अड़ गया, जिसके बाद उसे 15 मिनट तक गेट पर ही उसे रोककर रखा। इस दौरान उसका रक्षा सूत्र खुलवा लिया गया, मगर उसे जनेऊ पहनकर परीक्षा लिखने की इजाजत दे दी गई।
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छात्र ने छोड़ी गणित की परीक्षा
साईं स्फूर्ति कॉलेज में परीक्षा केंद्र की स्क्रीनिंग कमेटी ने परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने से पहले जनेऊ उतारने को कहा। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि लड़के ने स्टाफ (तलाशी दल में शामिल पुलिस कर्मियों) से गुहार लगाई कि उसे केंद्र में जाने दिया जाए, क्योंकि जनेऊ पहनने से उसके किसी कदाचार में शामिल होने की गुंजाइश नहीं है। हालांकि, स्टाफ ने उसे यह कहते हुए प्रवेश नहीं दिया कि इससे वह खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। उससे कहा गया कि वह जनेऊ हटाकर परीक्षा केंद्र में जाए। लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया और गणित का पेपर दिए बिना ही केंद्र से चला गया।
पुलिस तक पहुंचा मामला
परीक्षा खत्म होने के बाद यह मामला अभिभावकों और हिंदू संगठनों के लोगों को पता चला तो उन्होंने कॉलेज के गेट पर पहुंचकर गार्ड से सवाल पूछना शुरू कर दिया। अखिल कर्नाटक ब्राह्मण महासभा और विश्व संगठन ने जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। हालांकि, मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें शांत कराकर वहां से भेज दिया।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक सरकार को लताड़ा
वहीं इस घटना पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘कल कर्नाटक में कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (CET) हुआ। आप देख सकते हैं कि कर्नाटक की छद्म-धर्मनिरपेक्ष सरकार का रवैया कैसा है। कुछ छात्रों से ‘जनेऊ’ उतारने को कहा गया कुछ संस्थानों ने इसे हटाने के लिए कहा। और एक स्थान पर तो ऐसा आरोप है कि उसे काटा गया। यह अत्यंत निंदनीय है।उन्होंने आगे कहा कि, संबंधित अधिकारियों ने खेद व्यक्त किया है और माफी भी मांगी है। लेकिन उस छात्र के लिए समाधान क्या है जिसे परीक्षा देने ही नहीं दी गई? इसका समाधान तो निकालना ही होगा।
VHP ने कहा- ये सरकार हिंदू विरोधी
शिवमोगा में तीन छात्रों से जनेऊ उतरवाए जाने पर विश्व हिंदू परिषद और ब्राह्मण महासभा ने कड़ी निंदा की है। घटना की निंदा करते हुए, विनोद बंसल ने इसे हिंदू विरोधी काम बताया और कर्नाटक सरकार से माफी मांगने की मांग की है। विनोद बंसल ने कहा कि यह हिंदुओं के प्रति घृणा का जीता जागता उदाहरण है, जो लोग हिंदुओं के प्रति घृणा में डूबे हुए हैं, उन्हें जनेऊ के बारे में नहीं पता है. वे इसे जनेऊ को सिर्फ एक धागे के रूप में देखते हैं। उन्होंने कहा कि मैं उस छोटे बच्चे को सलाम करता हूं जिसने अपनी परीक्षा छोड़ दी, लेकिन अपने धर्म की रक्षा के लिए जनेऊ नहीं छोड़ा। इस घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
कर्नाटक के शिक्षा मंत्री का बयान
मामले में कर्नाटक के उच्च शिक्षा मंत्री एमसी सुधाकर ने मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अगर छात्रों से जनेऊ उतारने को कहे जाने की घटना की पुष्टि होती है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक ज्यादती है। अगर किसी परीक्षा केंद्र पर ऐसा हुआ है तो हम इसे गंभीरता से लेंगे। हमें सभी जातियों और धर्मों की प्रथाओं का सम्मान करना चाहिए। मैं इस तरह की हरकतों का समर्थन नहीं करता। मैं संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट प्राप्त करूंगा और आगे बढ़ने के लिए उचित कदमों पर विचार करूंगा। अगर घटना की पुष्टि होती है, तो हम स्थिति का फिर से आकलन करेंगे। यह मामले का राजनीतिकरण करने या राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के बारे में नहीं है। हमारा किसी समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं है।
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