बेंगलुरु। पांच गारंटियों के सहारे कर्नाटक में सत्ता में आने वाली कांग्रेस अब प्रदेश के विकास से पल्ला झाड़ रही है. कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने कांग्रेस विधायकों के स्पष्ट कह दिया है कि इस साल हम विकास नहीं दे सकते. हमें इस साल (पांच गारंटियों के लिए) 40,000 करोड़ रुपये अलग रखने पड़े हैं.

डीके शिवकुमार कांग्रेस विधायकों द्वारा विकास कार्यों में देरी और मंत्रियों के पहुंच से बाहर होने पर नाखुशी व्यक्त करने के लिए एक मंच की मांग करने के सवाल का जवाब दे रहे थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में विधायकों को स्थिति समझाई जाएगी.

जल संसाधन और बेंगलुरु शहर विकास मंत्री शिवकुमार ने सरकार की स्थिति बताते हुए कहा यहां तक कि सिंचाई और सार्वजनिक कार्यों में भी, हम (विकास के लिए धन) नहीं दे सकते. लेकिन उम्मीदें बहुत अधिक हैं. हमने विधायकों से रुकने के लिए कहा है. हम सीएलपी बैठक में उन्हें यह समझाएंगे.

दरअसल, इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने नया 2023-24 बजट पेश किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की पांच गारंटी – गृह ज्योति, गृह लक्ष्मी, अन्न भाग्य, शक्ति और युवा निधि – के लिए 35,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया है, जिसके परिणामस्वरूप उधारी में वृद्धि हुई और 12,522 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हुआ.

सिद्धारमैया की तरह, शिवकुमार ने भी पिछली भाजपा सरकार को दोषी ठहराया. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने दिवालियापन पैदा कर दिया. जरूरत से ज्यादा टेंडर जारी किए गए. खजाना खाली कर दिया गया. उन्होंने कहा कि लेकिन हमें गारंटी लागू करने का अपना वादा निभाना था. पहले साल में ही, हमने अपना वादा निभाया है. इसलिए, सभी को धैर्य रखना चाहिए.

शिवकुमार ने इसके पहले भी विधायकों से एक साल के लिए अनुदान मांगना बंद करने को कही थी. उन्होंने कहा कि विधायक कह रहे हैं कि उन्होंने लोगों से वादे किए हैं. वे मेरे विभाग से 10 करोड़ रुपये से 300 करोड़ रुपये तक की परियोजनाएं मांग रहे हैं. हमने (विधायकों से) एक साल तक रुकने के लिए कहा है.