Chinese VISA Case: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम की मुसीबतें आने वाले दिनों में बढ़ सकती हैं। दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ चाइनीज वीजा घोटाला मामले में आरोप तय करने के निर्देश दिए हैं। यह मामला साल 2011 का है जब कार्ति के पिता पी चिदंबरम गृह मंत्री थे। अदालत ने भास्कररामन पर मामले से संबंधित महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने का भी आरोप लगाया। दोनों आरोपियों ने खुद को निर्दोष बताया, जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई 16 जनवरी को तय की।
क्या है पूरा मामला?
पूरा मामला 2011 का है। सीबीआई की एफआईआर के अनुसार, पंजाब के मानसा स्थित एक निजी कंपनी (तलवंडी साबो पावर लिमिटेड) ने कथित तौर पर चीनी नागरिकों के लिए वीजा जारी करवाने में मदद के लिए बिचौलियों के माध्यम से 50 लाख रुपये का भुगतान किया। यह कंपनी 1,980 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट स्थापित कर रही थी, जिसका निर्माण कार्य एक चीनी कंपनी को आउटसोर्स किया गया था। परियोजना में देरी होने के कारण, कंपनी ने कथित तौर पर गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा निर्धारित वीजा सीमा से अधिक चीनी पेशेवरों को लाने की कोशिश की।
23 दिसंबर के एक आदेश में, अदालत ने सात आरोपियों के खिलाफ आपराधिक साजिश के कथित अपराध के लिए आरोप तय करने का आदेश दिया। इससे पहले, अक्टूबर 2024 में सीबीआई ने कार्ति चिदंबरम और अन्य के खिलाफ 2011 में एक कंपनी के लिए चीनी नागरिकों के वीज़ा दिलाने में कथित रिश्वत लेने के संबंध में चार्जशीट दायर की थी। आरोप है कि, कार्ति चिदंबरम के पिता, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने स्थापित नियमों का उल्लंघन करते हुए चीनी नागरिकों के लिए वीजा दिलाने में मदद की थी।
आरोप है कि यह पैसा मुंबई स्थित एक कंपनी के माध्यम से परामर्श और वीजा संबंधी कार्यों के लिए किए गए खर्चों के बहाने भेजा गया था। सीबीआई का दावा है कि मुंबई स्थित फर्म की वीजा प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं थी और वह वास्तव में औद्योगिक औजारों के व्यवसाय में लगी हुई।
क्या कुछ बोले कार्ति चिदंबरम
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कार्ति चिदंबरम ने ऊपरी अदालत में अपील करने के संकेत दिए। उन्होंने कहा, ”कानूनी प्रक्रिया मुझे कई रास्ते मुहैया कराती है और मैं उस सभी रास्तों का इस्तेमाल करूंगा।”
दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को चीनी वीजा घोटाले के मामले में कांग्रेस सांसद कार्ति पी चिदंबरम और छह अन्य के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। स्पेशल जज (सीबीआई) विनय सिंह, जो कार्ति चिदंबरम और सात अन्य के खिलाफ मामले की सुनवाई कर रहे थे, ने सात आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया और इस मामले में चेतन श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति को बरी कर दिया।
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