अजय नीमा, उज्जैन। कार्तिक माह में भगवान महाकालेश्वर की दूसरी सवारी आज शाम भव्य और राजसी ठाट-बाट के साथ निकली। मंदिर परिसर में पूजन-अर्चन के बाद भगवान महाकालेश्वर चंद्रमौलेश्वर के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।
मां क्षिप्रा के जल से किया गया भगवान का पूजन
महाकाल मंदिर से प्रारंभ हुई सवारी गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट पहुंची, जहां मां क्षिप्रा के जल से भगवान का पूजन किया गया। इसके बाद सवारी गणगौर दरवाजा, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी चौराहा होते हुए पुनः महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
जय श्री महाकाल के गूंजते रहे जयकारे
भगवान की सवारी में महाकालेश्वर बैंड, पुलिस बैंड, घुड़सवार दल और सशस्त्र पुलिस बल शामिल रहे। पूरे मार्ग पर ‘जय श्री महाकाल’ के गगनभेदी जयकारे गूंजते रहे। श्रद्धालुओं ने फूलों की वर्षा कर भगवान की पालकी का स्वागत किया। कई भक्त मोबाइल कैमरों में बाबा महाकाल की एक झलक कैद करने को उत्सुक दिखाई दिए।
10 और 17 नवंबर को निकाली अगली सवारी
भक्तों में भारी उत्साह और श्रद्धा का माहौल रहा। सभी ने भगवान महाकाल के दर्शन कर स्वयं को धन्य महसूस किया। मंदिर समिति के अनुसार, भगवान महाकालेश्वर की तृतीय सवारी 10 नवंबर और चतुर्थ (राजसी) सवारी 17 नवंबर को निकाली जाएगी।
Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें

