Karwa Chauth 2025: सुहागिनों का सबसे प्रिय पर्व करवा चौथ इस साल 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा. इस शुभ अवसर पर विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए निर्जला व्रत रखेंगी. सोलह श्रृंगारों में सबसे खास मानी जाने वाली मेहंदी इस दिन सिर्फ सजावट का नहीं, बल्कि सौभाग्य, प्रेम और ग्रह-ऊर्जा का प्रतीक बन जाती है.
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Karwa Chauth 2025
मेहंदी का ज्योतिषीय रहस्य
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मेहंदी में चंद्र और शुक्र ग्रह की ऊर्जा निहित होती है. चंद्रमा मन की शांति, शीतलता और भावनात्मक स्थिरता का कारक है, जबकि शुक्र ग्रह प्रेम, सौंदर्य और दांपत्य सुख का प्रतिनिधि माना जाता है.
करवा चौथ का व्रत एक गहन तपस्या है, जिसमें मेहंदी शरीर को शीतलता देती है और उपवास के दौरान मानसिक संतुलन बनाए रखने में मदद करती है.
व्रत से पहले मेहंदी लगाना क्यों है शुभ (Karwa Chauth 2025)
धार्मिक मान्यता के अनुसार, व्रत की पूर्व संध्या पर मेहंदी लगाने से इन दोनों ग्रहों की शुभ ऊर्जा सक्रिय होती है. माना जाता है कि यह वैवाहिक जीवन में प्रेम, स्थायित्व और समृद्धि को बढ़ाती है. इसी कारण मेहंदी को करवा चौथ से पहले लगाना अत्यंत शुभ कर्म माना गया है.
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मेहंदी डिज़ाइन और ग्रहों की ऊर्जा का संतुलन
मेहंदी के डिज़ाइनों का भी ज्योतिषीय अर्थ होता है. फूल-पत्ती, बेल और नाम वाले पैटर्न को सकारात्मक ऊर्जा के वाहक माना गया है. मेहंदी का गहरा रंग पति-पत्नी के बीच प्रेम की गहराई और रिश्ते की मजबूती को दर्शाता है.
ज्योतिष के अनुसार, गहरी मेहंदी लगने पर शुक्र ग्रह का प्रभाव बढ़ता है, जिससे घर में सौख्य और सौंदर्य की वृद्धि होती है.
शुक्रवार का संयोग बना शुभ (Karwa Chauth 2025)
इस वर्ष करवा चौथ शुक्रवार को पड़ रहा है, जिससे शुक्र ग्रह का प्रभाव और भी बलवान रहेगा. इसलिए इस दिन मेहंदी लगाना केवल परंपरा नहीं, बल्कि ज्योतिषीय दृष्टि से भी अत्यंत मंगलकारी है.
ऐसे में सुहागिनें इस करवा चौथ पर अपने हाथों में पिया के नाम की मेहंदी रचाकर, चंद्र और शुक्र की शुभ ऊर्जा से अपने सुहाग को और भी पावन व सशक्त करने के लिए तैयार हैं.
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