रायपुर. कटघोरा में वन विभाग का एक दिलचस्प मामला सामने आया है. यहां बीजेपी जिस वनमंडलाधिकारी को घेर रही है. उसी अधिकारी ने जांच कराकर भ्रष्टाचार के संगीन मामले का खुलासा किया है. जिसमें जानवरों के हिस्से का पानी अधिकारी पी गए. मामला पाली के दुमदुमी गांव के नज़दीक तालाब निर्माण का है.

दुलदुली गांव के नज़दीक जंगली जानवरों के पानी पीने, उनके संवर्धन के लिए जंगल में वन विभाग ने एक तालाब का निर्माण कराया गया था, लेकिन जब इस तालाब की जांच की गई तो ना पूरा तालाब मिला ना ही तालाब में पानी. तालाब का पानी उसे बनवाने वाले कुछ अधिकारियों के लालच की भेंट चढ़ गई. जांच में इसे बनवाने वाले अधिकारी तात्कालीन उपमंडलाधिकारी प्रह्ललाद यादव के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है.

वन जीवों के संरक्षण और विकास योजना के तहत पाली वनक्षेत्र के अंतर्गत बेसराबहरा नाला में तालाब का निर्माण कार्य स्वीकृत हुआ था. तालाब बनाने की जिम्मेदारी तात्कालीन उपमंडलाधिकारी प्रह्लाद यादव की थी. उन्होंने वनक्षेत्रापाल प्रमोद मिश्रा, वनपाल परिक्षेत्र सहायक बतरा और वनरक्षक राजकुमार दुबे के साथ मिलकर इस तालाब का निर्माण कराया.

सुमित दुहलानी नाम के व्यक्ति ने विभाग में शिकायत की है कि तालाब के निर्माण में गंभीर अनियमितता हुई है. उन्होंने इसकी जांच की मांग की. जांच का जिम्मा उपवनमंडलाधिकारी को सौंपा गया. जिन्होंने स्थल का मुआयना, माप पुस्तिका और परियोजना प्रतिवेदन का अध्ययन करके मामले की जांच की. उन्होने 9 बिंदुओं पर अपनी रिपोर्ट में जांच में गंभीर शिकायत को सही माना है.

जांच अधिकारी ने कक्ष क्रमांक 109 में बेसराबहार नाला पर बने तालाब को फूटा हुआ पाया. तालाब में पानी नहीं था. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तालाब निर्माण का आधा-अधूरा हुआ है. न इसमें बोल्डर पिचिंग की गई है न ही निकासी नाली में कांक्रीट का काम हुआ है. और तो और मिट्टी का काम भी नहीं हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसे बनाने वाले प्रह्लाद यादव ने फर्जी प्रमाणक पेश कर धनादेश भी प्राप्त कर लिया.

जांच अधिकारी ने उपमंडलाधिकारी प्रह्लाद यादव, वनक्षेत्रापाल प्रमोद मिश्रा, वनपाल परिक्षेत्र सहायक बतरा और वनरक्षक राजकुमार दुबे को इसका जिम्मेदार माना है और अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की है. जिसे मानते हुए वनमंडलाधिकारी ने कार्रवाई की सिफारिश के साथ रिपोर्ट भेज दी है.