अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा (कटनी)। कटनी जिले की ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत क्षेत्र की उमरिया पान बम्हनी पचपेढी और बरोदा ग्राम पंचायत को मिलाकर नगर परिषद बनाने की कवायद तेज हो गई है। कलेक्टर आशीष तिवारी के निर्देशन में एसडीएम ने नगर परिषद के 15 वार्डों के निर्धारण और वार्डों के नवीन नाम परमवीर चक्र पुरस्कार प्राप्त शहीदों के नाम पर रखने की प्रक्रिया जारी की है। जिसमें एक सप्ताह के अंदर लोगों के सुझाव और दावे आपत्तियों ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार, प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे भारत देश में पहली नगर परिषद होगी, जहां वार्डों के नाम शहीदों के नाम पर होंगे। एसडीएम ने धर्म जाति और राजनीति से परे होकर काफी तैयारी के बाद नामकरण की योजना बनाई हैं। जिसमें दावे आपत्ति प्राप्त होने के बाद उनके निराकरण के साथ व्यवस्था बनाई जाएगी।
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी 2023 को नेता सुभाष चंद्र बोस की 123वीं जयंती और पराक्रम दिवस के अवसर पर अंडमान निकोबार के 21 दीपों के नाम परमवीर चक्र विजेताओं के नाम पर रखे थे। दीपों के नामकरण होने के बाद परमवीर चक्र विजेता एक बार फिर देश में चर्चाओं में थे।
किसको मिलता हैं परमवीर चक्र विजेता का पुरस्कार
जानकारी के अनुसार, देश में भारत रत्न लगभग 53 लोगों को प्राप्त हुआ है और परमवीर चक्र सम्मान मात्र 21 लोगों को मिला हैं। इन सभी लोगों ने देश की रक्षा करते हुए दुश्मनों को जंग में करारा जवाब दिया है। शहीद सैनिकों ने अदम्य साहस दिखाते हुए देश की रक्षा की है। सही मायने में पूछे तो देश के असली हीरो यही है।
वार्ड – शहीद का नाम
- 1 – शहीद पीरू सिंह वार्ड
- 2 – शाहिद धन सिंह थापा वार्ड
- 3 – शहीद होशियार सिंह वार्ड
- 4 – शहीद विक्रम बत्रा वार्ड
- 5 – शहीद अब्दुल हमीद वार्ड
- 6 – शहीद सोमनाथ शर्मा वार्ड
- 7 – शहीद शैतान सिंह वार्ड
- 8 – शहीद जोगिंदर सिंह वार्ड
- 9 – शहीद मनोज कुमार पांडे वार्ड
- 10 – शहीद रामस्वामी परमेश्वर वार्ड
- 11 – शहीद राम राघोबा राणे वार्ड
- 12 – शहीद अरुण क्षेत्रपाल वार्ड
- 13 – शहीद अल्बर्ट इक्का वार्ड
- 14 – शहीद गुरवचन सिंह सलारिया वार्ड
- 15 – शहीद करम सिंह वार्ड
इस संबंध में एसडीएम निधि गौतम ने बताया कि नगर परिषद का गठन 4 ग्राम पंचायत उमरिया पान पचपेढी बम्हनी और बरोदा के 12 आश्रित ग्रामों के 56 वार्डों को 15 वार्डों में जनसंख्या के अनुपात से नवीन वार्डों के गठन के बाद प्रकाशन के लिए प्रक्रिया जारी है। एक सप्ताह तक सुझाव और दावे आपत्ति ली जाएगी। परमवीर सम्मान प्राप्त शहीद सैनिकों के नाम पर पहली नगर परिषद कहलाएगी।
तत्कालीन सीएम ने की थी नगर पंचायत बनाने की घोषणा
आपको बता दें कि वर्ष 2016 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर पंचायत बनाने की घोषणा की थी। तकरीबन 9 वर्षों के बाद क्षेत्र को नगर परिषद की सुविधा का लाभ मिलेगा। नगर परिषद बनने से तहसील के क्षेत्र को सबसे बड़ी उपलब्धि यह मिल रही है कि क्षेत्र में अग्निशामक यंत्र की व्यवस्था हो जाएगी। पिछले वर्षों की बात करें तो आगजनी की घटनाओं में शासन प्रशासन को करोड़ों रुपए क्षतिपूर्ति देने में खर्च हुई होगी। आगजनी की घटनाएं तब विकराल हो जाती थी जब जिला मुख्यालय से फायर ब्रिगेड वहां आते-आते लोगों की गृहस्थियां जलकर खाक हो जाती थी।
ग्रामीणों को विकास की उम्मीद
अधिकारी और नेता सभी चाहते थे कि मुख्यालय में फायर ब्रिगेड वाहन की व्यवस्था हो लेकिन नियमों के पेंच के कारण अग्निशामक यंत्र क्षेत्र में उपलब्ध नहीं हो पा रहा था। नगर परिषद बनने के बाद पूरी तहसील को अग्निशामक यंत्र की सुविधा भी मिलेगी। भारत का भौगोलिक केंद्र स्थानीय नगर परिषद में शामिल होने के बाद ग्रामीणों को विकास की संभावना है।
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