अनूप दुबे, ढीमरखेड़ा (कटनी)। मध्य प्रदेश के कटनी जिला के ढीमरखेड़ा में ग्रामीण समस्याओं से त्रस्त हो गए हैं। उन्होंने नदियों से सिंचाई, अवैध रेत उत्खनन, ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों समेत 8 सूत्रीय मुद्दों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर SDM को सौंपा है।
कटनी जिले की ढीमरखेड़ा तहसील के पर्यावरण संरक्षण समिति के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम 8 सूत्रीय मांगों के निराकरण को लेकर ज्ञापन सोपा है। पर्यावरण संरक्षण समिति के संरक्षक अटल बिहारी वाजपेई, तहसील अध्यक्ष सौरभ मिश्रा और संयोजक राजेश व्यवहार ने बताया कि क्षेत्र में दर्जनों प्रवाहित नदियों से अवैध उत्खनन और सिंचाई के कारण नदियां सूख गई है। क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था बदहाल है। ओले गिरने के बाद फसलें खराब होने की किसानों ने शिकायत की। लेकिनपटवारी सर्वे नहीं कर रहे हैं। उनकी मांग है कि इसका जल्द सर्वे करवाया जाए। साथ ही गौशाला में भूसा और पानी की उपलब्धता करवाने की भी उन्होंने मांग की हैं।
ग्रमीणीं का कहना है कि माइनिंग कॉरपोरेशन में ढीमरखेड़ा क्षेत्र की नीलामी वाले रेत खदानों का सीमांकन कर निर्धारण रियाल्टी सुनिश्चित करें। वन विभाग के डिपो में आम जनता के निस्तार के लिए सूखी लकड़ी और बांस की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। समिति सदस्यों ने बताया कि आचार संहिता के कारण शांति प्रिय तरीके से ज्ञापन दिया गया है। समस्याओं का निराकरण नहीं होने पर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
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