यशवंत साहू, दुर्ग। कवर्धा में एक पखवाड़े पहले हुए झंडा विवाद में शुक्रवार को अदालत ने 59 आरोपियों को जमानत दे दी है. इसके बाद शनिवार को दुर्ग जेल से रिहा किया गया. इस दौरान मौजूद हिंदू संगठनों के लोग सभी का जोर-शोर से स्वागत कर कवर्धा रवाना हुए.
बता दें कि कवर्धा शहर के लोहारा नाका पर 3 अक्टूबर को झंडे के लिए दो पक्षों में विवाद हुआ था. 5 अक्टूबर को कवर्धा के अलग-अलग मोहल्ले में उपद्रव हुए. मामले में पुलिस ने 100 से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया था. मामले की कवर्धा कोर्ट में सुनवाई के दौरान 20 अक्टूबर को 18 आरोपियों को जमानत दी गई थी. इसके बाद शुक्रवार को 59 लोगों को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान 20-20 हजार रुपए मुचलके पर जमानत पर छोड़ने फैसला दिया है.
भाजपा नेता समेत पांच आरोपियों ने किया सरेंडर
झंडा विवाद मामले में आरोपी भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा, भाजयुमो प्रदेश उपाध्यक्ष कैलाश चंद्रवंशी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष राजेन्द्र चंद्रवंशी, भाजपा कार्यालय मंत्री पत्रा चंद्रवंशी और बजरंग दल के कार्यकर्ता राहुल चौरसिया ने शुक्रवार को न्यायालय पहुंचकर सरेंडर किया था. इन पर धारा 147, 148, 149, 109, 353, 332, 153 (ए), 188, 295 और लोक संपत्ति का नुकसान निवारण अधिनियम 1984 की धारा 3 के तहत अपराध दर्ज है. अभी इन्हें जमानत नहीं दी गई है.
सभी आरोपी हर महीने थाने में देंगे हाजिरी
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जमानत याचिका पर सुनवाई की जमानत पर छूटे सभी आरोपियों के लिए कुछ शर्तें भी रखी हैं, जिसे सभी को मानना होगा. जमानत पर छूटे सभी आरोपियों को हर महीने संबंधित थाने में हाजिरी देनी होगी. इसके साथ सुनवाई के दौरान नियमित रूप से उपस्थित रहना होगा.
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