रायपुर। कवर्धा सांप्रदायिक तनाव मामले में बीजेपी नेता विजय शर्मा के आत्मसमर्पण को कांग्रेस ने आत्मग्लानि का नतीजा बताया है. कांग्रेस प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि विजय शर्मा और अन्य नेताओं के सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने के कृत्य से कवर्धा का माहौल खराब हुआ. शांति और अमन की नगरी कवर्धा भाजपा के षड़यंत्र के चलते बदनाम हुई. शहर में तोड़फोड़ हुआ। व्यापार का नुकसान हुआ। संभवतः पाप बोध से भरे विजय शर्मा ने आत्मग्लानि के कारण अपने चार अन्य साथियों के साथ आत्मसमर्पण किया.
कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कांग्रेस पहले दिन से कह रही थी कि कवर्धा में भारतीय जनता पार्टी ने सुनियोजित तरीके से दंगा भड़काया था. भाजपा के 5 पदाधिकारियों के समर्पण से यह साबित हो गया कि कांग्रेस के आरोप सही थी. दुर्ग के आईजी ने भी खुलासा किया था कि भाजपा ने कवर्धा के बाहर से भाजपा आरएसएस संघ के कार्यकर्ताओं को बुला कर माहौल को खराब करने का काम किया था. भाजपा के वर्तमान सांसद संतोष पांडेय, पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने रैली निकाल कर सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ाया। भाजपा अपने क्षुद्र राजनैतिक स्वार्थ के लिये कवर्धा जैसे शांति प्रिय शहर की गंगा जमुनी तहजीब को बिगाड़ने की कोशिश किया।
गौरतलब है कि कवर्धा में हालात 5 सितंबर को भाजपा के प्रदर्शन के बाद ज़्यादा बिगड़ गए. दूसरी ओर मंत्री मो. अकबर ने वो झंडा लगवाया था, जिस झंडे को गिराने के चलते कवर्धा के हालात बिगड़े थे. इस मामले में दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा ने कहा था कि ये बड़ी साजिश का हिस्सा था. कवर्धा की स्थिति को बिगाड़ने के लिए बाहर से लोग बुलाये थे, और सुनियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया गया था.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि इस मामले में किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो किसी भी पार्टी या समुदाय का हो. इसके बाद तमाम वीडियो के आधार पर आरोपियों की गिरफ्तारी हुई. दोनों पक्षों के आरोपी बड़ी संख्या में पकड़े गए. इसके अलावा उन लोगों को भी पकड़ा गया, जिन्होंने सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने के लिए सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक संदेश भेजे थे.
इसके अलावा 5 अक्टूबर के भाजपा के प्रदर्शन का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें आगे-आगे पूर्व सांसद अभिषेक सिंह चल रहे थे. इस वीडियो में एक समुदाय के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक नारे लगे थे. इस वीडियो के बाद अभिषेक सिंह की गिरफ्तारी की मांग की गई थी.
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