Kedarnath by-Election 2024: केदारनाथ उपचुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी ने तैयारियों शुरू कर दी हैं. प्रत्याशियों के नामों को लेकर भी हलचल तेज हो गई है. वैसे तो पहले विधानसभा चुनाव यानी 2002 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत का परचम लहराया था.

दरअसल, 9 जुलाई 2024 को विधायक शैला रानी रावत का निधन को होगा था. जिसके बाद यह सीट खाली था. ऐसे में 20 नंवबर को इस सीट पर वोटिंग होगी और मतदाता अपने लिए एक जनसेवक को चुनेंगे. 23 नंवबर को नतीजे सामने आएंगे. बता दें कि पिछले दो महीने पर इस सीट पर बीजेपी सक्रिय है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी किसी तहर कोई कसर नहीं छोड़ी है.

पहले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को मिली जीत

राज्य गठन के बाद पहले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी ने कांग्रेस को शिकस्त दी थी. यानी आशा नौटियाला ने कांग्रेस की शैलारानी रावत को हराया था. 2007 में पार्टी ने फिर आशा नौटियाला पर भरोसा जताया और मैदान में उतारा. जबकि कांग्रेस ने कुंवर सिंह नेगी को प्रत्याशी बनाया. लेकिन कांग्रेस के दोबारा हार का सामना करना पड़ा.

2016 में कांग्रेस को बड़ा झटका

2012 में फिर आशा नौटियाल को बनाया गया. इस बार कांग्रेस ने शैला रानी रावत को टिकट दिया. लेकिन इस बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की. 2012 में पहली बार कांग्रेस ने केदारनाथ सीट पर जीत का परचम लहराया. लेकिन 2016 में शैला रानी रावत कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. 2017 के चुनाव में बीजेपी ने शैला रानी रावत को मैदान में उतारा.

2022 में बीजेपी के वापसी

पार्टी के इस निर्णय ने नाराज होकर पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा. इस बगावत का असर यह हुआ कि बीजेपी चौथे स्थान पर खिसक गई. जबकि कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत विधायक चुने गए. 2022 में बीजेपी ने एक बार फिर शैला रानी रावत को मैदान में उतारा और उन्हें जीत मिली.