सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर. कमीशनखोरी का ऐसा खेल की वेयर हाउस में रखें 16 हजार बोरी चावल में कीड़े लग गए. जब यह चावल राशन दुकानों में वितरण के लिए विभिन्न पीडीएस के माध्यम से पहुंचा तो खराब क़्वालिटी होने के कारण कई ट्रक चावल फूड अधिकारियों द्वारा वापस करवा दी गई. इसके बाद मामले की लीपापोती शुरू हो गई. अब विभाग आनन-फानन में सफाई कर रिसाइक्लिंग करने में लग गया है.

दरअसल जिले के वाड्रफनगर विकासखंड के तहत वेयरहाउस की दो गोदाम है, जिसमें प्रेमनगर स्थित वेयरहाउस की गोदाम में लगभग 16 हजार चावल की बोरियां रखी गई है, जिसके रखरखाव के अभाव व समय पर उठाव नहीं होने के कारण चावल में जाले व कीड़े लग गए हैं. बावजूद इसके चावल का सप्लाई पीडीएस केंद्रों में करा दिया गया था. जिन्हें स्तरहीन बताकर विभाग वापस कर दिया गया है.

 वेयरहाउस में एक साल से रखा था

मुख्य बात यह है कि यह चावल लगभग 1 साल से अधिक समय से वेयरहाउस में रखा गया है. लेकिन अभी तक इसकी सप्लाई किसके आदेश से रोकी गई थी और क्यों यह जांच का विषय है. जब यह चावल खराब हो चुका है तो सफाई कर सप्लाई किया जा रहा है. वहीं इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक से बात की गई तो वह कैमरे की नजर से बचते बचाते भाग निकले. जिसके बाद कलेक्टर संजीव कुमार झा से भी मीडिया ने बात की तो दोषियों पर कार्रवाई की बात कही व जांच के लिए एसडीएम वाड्रफनगर को निर्देशित किया गया.

खाने से होगी कई प्रकार की बीमारियां

इतनी बड़ी मात्रा में चावल खराब होने के बाद अगर राशन दुकानों के माध्यम से वितरण कराया भी जाता है तो उक्त चावल को खाने से कई प्रकार की बीमारियां या फूड प्वाइजनिंग की भी संख्या बढ़ सकती है.

लंबे समय से चावल का उठाव नहीं हुआ, जांच की मांग 

आपको बता दें कि जिले में 12 राइस मिलर्स है, जो शासन किसानों से धान खरीदती है. इन्हीं मिलरों के द्वारा धान की मिलिंग कराकर नागरिक आपूर्ति निगम के माध्यम से चावल वेयरहाउस को भंडारण के लिए दिया जाता है. जिसके बाद रखरखाव की सम्पूर्ण जिम्मेदारी वेयरहाउस की होती है. लेकिन उठाव तथा सप्लाई का कार्य नागरिक आपूर्ति निगम की होती है, आज लंबे समय से मिलों द्वारा दी गई चावल का उठाव न होना भी जांच का विषय बनता है.

मिलरों का आरोप, अनाप-शनाप मांगते हैं कमीशन

वहीं मिलरों ने भी यह आरोप लगाया है कि जिले के प्रबंधक प्रमोद कुमार जांगड़े द्वारा लगातार मिलरों से अवैध उगाही व अनाप-शनाप पैसे की मांग की जाती है. जिसके बाद उनसे चावल लिया जाता है, लेकिन कुछ मिलर ऐसे भी हैं, जिन्होंने बताया कि जिला प्रबंधक अधिक पैसा मांग रहे हैं. हमारे द्वारा उनके मांगे गए पैसे को पूरा नहीं देने के कारण हमारी चावल का उठाव कराना बंद करा दिया गया है.

बाद में हम मिलरों को ही विभाग फंसा सके कि हमारे द्वारा पुराना या खराब चावल सप्लाई किया गया है. उन्होंने यह भी बताया कि हमारे द्वारा अगर खराब चावल की सप्लाई कि जाती तो विभाग में क्वालिटी स्पेक्टर और कई जांच प्रक्रिया होने के बाद हमारे चावलों को विभाग खरीदता है. लेकिन सिर्फ कमीशन ना देने के कारण ही हमारे दिए हुए चावलों का उठाव जिला के अधिकारियों द्वारा रोक दिया गया है.

रिपोर्ट आने के बाद होगी कार्रवाई

इस संबंध में विभागीय मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि अभी तक मेरे पास कोई शिकायत प्राप्त नहीं हुई है अगर शिकायत मिलती है तो दोषियों पर उचित कार्रवाई की जाएगी, हालांकि जिला कलेक्टर ने एसडीएम को जांच अधिकारी बनाकर जांच कराया गया, वहां पर रखे चावलों की सैंपल लेकर भेज दिया गया है. एसडीएम ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.