दिल्ली में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, आम आदमी पार्टी ने अचानक कांग्रेस पर हमला किया है. शनिवार सुबह आम आदमी पार्टी ने एक पोस्टर जारी किया, जिसमें लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को बेईमानों की लिस्ट में स्थान दिया है. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बाद राहुल गांधी का फोटो है. ऐसा लगता है कि यह पोस्टर AAP की एक सोची समझी रणनीति का हिस्सा है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव में सियासी समीकरण हर दिन बदल रहे हैं. AAP इन दिनों बीजेपी और कांग्रेस से कई सीटों पर प्रतिस्पर्धा कर रही है. AAP को डर है कि दिल्ली में बदलते सियासी समीकरण के कारण मुस्लिम अल्पसंख्यक और दलित मतदाता राहुल गांधी के कहने पर उनसे दूर हो सकते हैं.

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AAP का मानना है कि अगर राहुल गांधी को भाजपा नेताओं के साथ एकजुट नहीं किया गया, तो AAP से बहुत सारे वोट उनकी ओर जाएंगे. हालाँकि, आपने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अपनी पोस्टर लड़ाई से दूर रखा है.

क्या है कांग्रेस की दिल्ली रणनीति?

कांग्रेस ने लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कांग्रेस के प्रमुख नेता अरविंद केजरीवाल पर सीधा हमला किया क्योंकि वे जानते हैं कि आम आदमी पार्टी के वोटों को कम करने के बिना दिल्ली में वापसी करना मुश्किल और नामुमकिन है. कुछ महीने पहले तक गठबंधन का हिस्सा रही दोनों पार्टियों के बीच चल रहे इस संघर्ष का क्या अर्थ है?

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दिल्ली में पहले काम कर चुकी केजरीवाल सरकार के समय की सीएजी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल को कथित तौर पर भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल करने का आरोप लगाया है. अरविंद केजरीवाल का सीधा मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित से है, जो दिल्ली विधानसभा की सीट पर अरविंद केजरीवाल से मुकाबला करता है. इसलिए इस पोस्टर पर राहुल गांधी के अलावा अजय माकन और संदीप दीक्षित को भी शामिल किया गया है. साथ ही, राहुल और प्रियंका गांधी ने ठीक होने के बाद दिल्ली में एक-एक करके कई रैलियां करने की घोषणा की है, जिसमें उनका मुख्य लक्ष्य केजरीवाल ही होंगे.

केजरीवाल 2013 के फॉर्मूले पर चुनाव लड़ना चाहते हैं?

2012 में अपनी पार्टी को पुनर्गठित करने के बाद, अरविंद केजरीवाल ने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपना पूरा ध्यान भ्रष्टाचार पर केंद्रित किया. जनता ने उनकी नीतियों और कार्यक्रम को समर्थन दिया और उन्हें कई सीटों पर जीत दिलवाई, लेकिन तब भी वे बीजेपी और कांग्रेस को भ्रष्टाचारी बताते थे. लेकिन इस बार समीकरण बदल गया है क्योंकि अकेले अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के कई मामले चल रहे हैं. इसलिए, उसके सामने चुनौती है कि वह बाकी पार्टियों के नेताओं को बेईमान बता दे.