नई दिल्ली। दिल्ली के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन (डीडीसी) ने वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई इंडिया) के सहयोग से ‘दिल्ली में कॉरपोरेट्स के लिए वर्कप्लेस इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग गाइडबुक’ लॉन्च की है. इसके बाद दिल्ली सरकार देश की पहली राज्य सरकार बन गई है, जिसने कंपनियों को ऑफिस में इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्वाइंट बनाने में मदद करने के लिए चरणबद्ध गाइड बुक लॉन्च की है. डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह, WRI इंडिया के सीईओ डॉ ओपी अग्रवाल, डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी निदेशक अमित भट्ट सहित उद्योग जगत के अन्य लोगों की मौजूदगी में गाइडबुक लॉन्च की गई. इस गाइडबुक के माध्यम से दिल्ली सरकार ऑफिस में चार्जिंग प्वाइंट बनवाकर कॉर्पोरेट्स को इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहती है.
इस दौरान भारतीय उद्योग परिसंघ (CII), फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया, नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर एंड सर्विस कंपनीज सहित उद्योग जगत के विभिन्न लोगों और सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (SMEV) ने दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद, ऑफिस में चार्जिंग प्वाइंट की स्थापना और उनके प्रबंधन के तरीकों पर चर्चा की. डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली ईवी नीति की अगस्त 2020 में घोषणा के बाद से कई सवाल पूछे जा रहे थे. मैं आज बेहद उत्साहित हूं कि सवालों के जवाब देने के लिए एक बहुत ही व्यावहारिक गाइडबुक लॉन्च कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण से जुड़ी आपात स्थितियों को देखते हुए बेहद महत्वाकांक्षी निर्णय लिया गया है. दिल्ली की ईवी नीति के जरिए 2024 तक दिल्ली में कुल वाहन पंजीकरणों में 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहनों का लक्ष्य तय किया गया है, जबकि उस समय नए वाहन पंजीकरण में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी 1.2 फीसदी थी.
डीडीसी दिल्ली के उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार के थिंक टैंक के रूप में DDC ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति के निर्माण की प्रक्रिया में काफी करीब से काम किया है. इसके अलावा विभिन्न सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया है, ताकि सीएम के दृष्टिकोण को पूरा कर सकें. ईवी नीति की घोषणा के बाद से ही दिल्ली सरकार का प्रयास इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर चिंताओं, बाधाओं और चुनौतियों को समझने का रहा है. केजरीवाल सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने के एक सप्ताह के भीतर सब्सिडी बैंक खाते में सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया की स्थापना की. अभी तक 10 हजार से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को दिल्ली सरकार से सब्सिडी मिली है. ‘स्विच दिल्ली’ अभियान के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को जन आंदोलन बनाने के लिए विभिन्न समूहों के साथ काम किया है. दिल्ली में देश में सबसे सस्ता ईवी टैरिफ है. वर्तमान में 380 से अधिक सार्वजनिक चार्जिंग पॉइंट दिल्ली में उपलब्ध हैं. अगले 6 महीनों के भीतर 500 और चार्जिंग पॉइंट बन जाएंगे.
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गाइडबुक की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए जस्मिन शाह ने कहा कि रिसर्च से पता चलता है कि 90 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन घर या ऑफिस में चार्ज किए जाते हैं. यह गाइडबुक कार्यस्थल पर चार्जिंग प्वाइंट बनाने के लिए प्रभावी निर्णय लेने की जानकारी देती है. इसका उद्देश्य कॉरपोरेट्स को इलेक्ट्रिक व्हीकल आंदोलन का एक अभिन्न अंग बनाना है. डब्ल्यूआरआई इंडिया के सीईओ डॉ ओपी अग्रवाल ने कहा कि हाल ही में हुई सीओपी 26 ने परिवहन क्षेत्र से उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता पर बल दिया है. इलेक्ट्रिक वाहन, परिवहन से होने वाले प्रदूषण को कम करने के साथ स्वच्छ हवा में योगदान करेंगे. डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी निदेशक (एकीकृत परिवहन) अमित भट्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार की ईवी नीति देश की राजधानी की वायु गुणवत्ता में सुधार की दिशा में एक बहुत ही प्रगतिशील कदम है. सरकार शून्य-उत्सर्जन भविष्य की ओर बढ़ने के लिए कई काम भी कर रही है. यह समय है कि निजी क्षेत्र और नागरिक इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को बढ़ाने में मदद करने के लिए एक साथ आएं. गाइडबुक का विमोचन उस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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