नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में गर्मी के मौसम में पीने के पानी की समस्या से निपटने के लिए ‘समर एक्शन प्लान 2022’ तैयार किया है. इस संबंध में गुरुवार को जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक की. जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बैठक में अधिकारियों से पेयजल आपूर्ति से संबंधित कार्य, पानी की लाइनें बिछाने, ट्रीटमेंट प्लांट को दुरुस्त करने जैसे कार्यों को लेकर प्रगति रिपोर्ट मांगी है. साथ ही दिल्ली के विभिन्न इलाकों में टैंकरों से पानी पहुंचाने के काम में सुधार लाने और शिकायतों का जल्द से जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया है. इन सभी कामों की प्रगति पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निगरानी भी रखी जाएगी, ताकि सभी कामों को तय समय सीमा के भीतर पूरा किया जा सके. जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अपने जल उपचार संयंत्रों को नए और आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अपग्रेड किया है. सिस्टम को कुशल और मजबूत बनाया गया है, ताकि गर्मी में लोगों को पानी की कमी के चलते परेशानी नहीं झेलनी पड़े. लोगों के घरों तक साफ पानी पहुंचाने के साथ-साथ कम से कम समय में शिकायतों को हल करने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. दिल्लीवालों के लिए सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले पानी आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने पर्याप्त व्यवस्था की है.
पानी के उत्पादन का लक्ष्य बढ़ाकर किया गया 1000 एमजीडी
पिछले साल की गर्मियों में दिल्ली में 935 एमजीडी पानी सप्लाई की जाती थी. वहीं, इस साल बढ़ती गर्मी के मद्देनजर केजरीवाल सरकार ने पानी का उत्पादन बढ़ाकर 1000 एमजीडी तक करने का लक्ष्य रखा है. यानि की इस बार गर्मी में राजधानी में 65 एमजीडी अधिक पानी की आपूर्ति होगी. इसके साथ ही, पानी के उत्पादन को बढ़ाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को भी अपग्रेड किया है.
हरियाणा से आ रहे पानी की होगी निरंतर निगरानी
गर्मी के महीनों के दौरान जल उपचार संयंत्रों और संबंधित पंपिंग प्रतिष्ठानों को बंद करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. पानी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद होने से रोकने के लिए हरियाणा में निरंतर निगरानी की जाएगी. दरअसल, हरियाणा से आने वाले पानी में कई बार अमोनिया का स्तर बढ़ जाता है. इससे दिल्ली के प्लांट की क्षमता कम हो जाती है और कई इलाकों में पानी का संकट गहरा जाता है. ऐसे में केजरीवाल सरकार इस समस्या से निपटने के लिए एडवांस में तैयार है. इसके लिए नई निगरानी प्रक्रिया तैयार की है, ताकि लोगों को भविष्य में पानी की किल्लत से न जूझना पड़े. पानी में अमोनिया के उच्च स्तर के कारण वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद होने से रोकने के लिए जल मंत्री सत्येंद्र जैन व्यक्तिगत रूप से हरियाणा सरकार के साथ को-ऑर्डिनेट कर स्थिति की निगरानी करेंगे. उन्होंने बैठक के दौरान गर्मी में पानी की किल्लत से निपटने के लिए आवश्यक सामग्रियों के स्टॉक की स्थिति और अन्य तैयारियों की भी समीक्षा की.
जेजे कॉलोनियों में पाइपलाइन से होगी जलापूर्ति
दिल्ली की जेजे कॉलोनियों में पाइपलाइन के जरिए वॉटर सप्लाई की जाएगी. दिसंबर 2021 तक 1 हजार 642 कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है. 65 कॉलोनियों में पाइपलाइन के जरिए जल्द ही पानी की आपूर्ति शुरू कर ली जाएगी. वहीं, 38 कॉलोनियों में पाइपलाइन बिछाने का काम जारी है. बता दें सभी जेजे क्लस्टरों में पब्लिक वॉटर हाइड्रेंट व टैंकरों के माध्यम से पानी की सुविधा है. इसके अलावा, सभी जेजे क्लस्टरों में पब्लिक वॉटर हाइड्रेंट और टैंकरों के माध्यम से पीने के पानी की सुविधा है. जेजे क्लस्टरों में व्यक्तिगत वॉटर कनेक्शन के लिए फेज के हिसाब से काम किया जाएगा. इन इलाकों में पानी की कमी होने पर वॉटर टैंकर उपलब्ध कराए जाएंगे. लोगों को पानी की किल्लत न झेलनी पड़े, इसके लिए पानी की पुरानी पाइप लाइनों को बदलकर नई पाइप लाइनें बिछाई गई हैं. साथ ही सभी उपकरणों की मरम्मत कर ली गई है. दिल्ली सरकार की पहले से ही तैयारी होने के चलते गर्मी के मौसम में विभिन्न इलाकों में पानी की आपूर्ति में सुधार होगा.
जीपीएस के जरिए रखी जा रही है टैंकरों पर निगरानी
दिल्ली जल बोर्ड की ओर से राजधानी में जीपीएस आधारित टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है. इससे टैंकरों की पर्याप्त निगरानी हो रही है. टैंकर किस रूट पर चल रहा है, इसका रियल टाइम पर पता चल जाता है. वह अपने निर्धारित गंतव्य तक पहुंचा या नहीं, कब पहुंचा, इसका भी रिकॉर्ड रखा जा रहा है. ज्यादा पारदर्शिता लाने और सेवा की गुणवत्ता सुधारने के मकसद से केजरीवाल सरकार ने सभी टैंकरों में जीपीएस लगवाए हैं. दिल्ली सरकार ने 10 हजार 141 फिक्स्ड वॉटर सप्लाई पॉइंट को चिन्हित किया गया है. वहीं, जरूरत के हिसाब से रोजाना पानी की सप्लाई वाले स्थान इससे ज्यादा है. इनका शेड्यूल जल्द दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा. गर्मी में जरूरत के हिसाब से पानी की कमी वाले इलाकों में टैंकरों की संख्या व आवाजाही बढ़ाई जाएगी, ताकि पानी की मांग को पूरा किया जा सके. कुल 1198 टैंकर इन इलाकों में पानी की सप्लाई करेंगे. सभी टैंकरों की मॉनिटरिंग डीजेवी हेडक्वॉर्टर के ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से होती है. हरेक वॉटर फिलिंग पॉइंट की लोकेशन पर टैंकर फिलिंग कैपेसिटी पर भी नजर रखी जाएगी. कुल 185 टैंकर फिलिंग हाइड्रेंट संचालित किए जाएंगे.
वेबसाइट पर उपलब्ध होगी पानी की आपूर्ति के समय की जानकारी
पीने योग्य पानी के वितरण के लिए भूमिगत जलाशयों और विभिन्न उपकरणों का मेंटेनेंस जल्द ही पूरा किया जाएगा. यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि बूस्टर पंपिंग स्टेशनों के सभी पंप काम करने की स्थिति में हैं. पुरानी पानी की पाइप लाइनों को बदल दिया गया है. जल वितरण के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए नई पानी की पाइप लाइनें बिछाई जा रही हैं. इससे पानी की आपूर्ति में सुधार होगा. जल आपूर्ति के लिए क्षेत्र के अनुसार समय की जानकारी दिल्ली जल बोर्ड की वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाएगी.
ऑनलाइन कर सकते हैं पानी के बिल की जांच
दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) पोर्टल पर ऑनलाइन पानी के बिल की जांच कर सकते हैं और डीजेबी वेबसाइट पर भुगतान गेटवे के माध्यम से तुरंत भुगतान कर सकते हैं. मीटर रीडर्स द्वारा ऑनलाइन स्पॉट-रीडिंग, वॉटर मीटर की इमेज कैप्चरिंग और बिल जनरेशन के लिए एंड्रॉइड आधारित मोबाइल टैबलेट भी लॉन्च किया गया है. ऑनलाइन राजस्व प्रबंधन प्रणाली के अलावा, डीजेबी ने एक मोबाइल एप (एम-सेवा) लॉन्च किया था. इस एप के माध्यम से उपभोक्ता अपना पानी का बिल खुद तैयार कर सकेंगे. इसके अलावा बिल तैयार करने के बाद मोबाइल एप के जरिए उसे जमा भी करा सकेंगे.
वॉटर इमरजेंसी सेंटर करेगा समस्याओं का समाधान
दिल्ली के विभिन्न स्थानों पर वॉटर इमरजेंसी कंट्रोल रूम रोजाना शिकायतों के निवारण के लिए काम कर रहे हैं. इन इमरजेंसी कंट्रोल रूम में शिकायतों के समाधान और निगरानी के लिए पर्याप्त स्टॉफ, संचार सुविधाओं और बेहतर उपकरणों से लगातार मजबूत किया गया है. वरिष्ठ अधिकारी जल आपात स्थितियों का समय-समय पर औचक निरीक्षण भी करेंगे. जल शोधन संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) में 24 घंटे पानी की गुणवत्ता और पीने योग्य पानी के उत्पादन की निगरानी के लिए दिल्ली जल बोर्ड की 9 संयंत्र प्रयोगशालाएं हैं. वजीराबाद, चंद्रवाल और हैदरपुर में ऐसी दो प्रयोगशालाएं और नांगलोई, बवाना और ओखला डब्ल्यूटीपी में एक-एक प्रयोगशाला है. इसके अलावा पानी सप्लाई को लेकर संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों की लिस्ट भी तैयार कर ली है. इसमें पानी न आना, गंदा पानी आना और सीवर फ्लो की समस्याओं को लेकर अलग-अलग तरह की लिस्ट तैयार की गई है. बता दें कि दिल्ली जल बोर्ड के हेडक्वॉर्टर के सेंट्रल कंट्रोल रूम से पानी के टैंकरों की आवाजाही की ऑनलाइन निगरानी की जा रही है. आप किसी भी समय कस्टमर केयर सेंटर के टोल फ्री नंबर 1916 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
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