नई दिल्ली . दिल्ली में जल संकट को लेकर केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सर्वोच्च अदालत से मामले में दखल देने की गुजारिश करते हुए कहा है कि हरियाणा को अधिक पानी छोड़ने का निर्देश दिया जाए. दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से पानी की भारी किल्लत है और दिल्ली सरकार का आरोप है कि यमुना में हरियाणा ने पानी की आपूर्ति कम कर दी है, जिसकी वजह से संकट उत्पन्न हुआ है.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा है कि उनकी सरकार में बिजली संकट से जनता को जूझना नहीं पड़ रहा, लोगों को पर्याप्त इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई मिल रही है.
सीएम केजरीवाल ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा, “इस बार पूरे देश में अभूतपूर्व गर्मी पड़ रही है, जिसकी वजह से देश भर में पानी और बिजली का संकट हो गया है. पिछले वर्ष, दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड 7438 MW थी. इसके मुकाबले इस साल पीक डिमांड 8302 MW तक पहुंच गई है. पर इसके बावजूद दिल्ली में बिजली की स्थिति नियंत्रण में है, अन्य राज्यों की तरह पॉवर कट नहीं लग रहे.”
बीजेपी से की ये अपील
सीएम केजरीवाल ने पानी संकट लेकर कहा कि भीषण गर्मी में इसकी मांग बहुत बढ़ गई है. दिल्ली को पड़ोसी राज्यों से जो पानी मिलता था, उसमे भी कमी कर दी गई है. यानी डिमांड बहुत बढ़ गई और सप्लाई कम हो गई. ऐसे में हम सबको मिलकर इस समस्या का समाधान निकालना है. मैं, देख रहा हूं कि बीजेपी के साथी हमारे खिलाफ धरने प्रदर्शन कर रहे हैं. इस से समस्या का समाधान नहीं निकलेगा. मेरी सभी से हाथ जोड़कर विनती है कि इस वक्त राजनीति करने की बजाय, मिलकर दिल्ली के लोगों को राहत दिलवाएं.
अगर हरियाणा और यूपी की अपनी सरकारों से बीजेपी बात करके 1 महीने के लिए कुछ पानी दिल्ली को दिलवा दें, तो दिल्ली वाले बीजेपी के इस कदम की खूब सराहना करेंगे.
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