नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार दिल्ली को ‘झीलों का शहर’ बनाने के विजन को साकार करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है. इस परियोजना के तहत पहले चरण में सरकार की ओर से 250 जलाशयों और 23 झीलों को जीवंत किया जा रहा है. इसी कड़ी में मंगलवार को दिल्ली के जल मंत्री व दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने दिल्ली सरकार की ओर से बुराड़ी में पुनर्जीवित की जा रही दो झीलों का मुआयना किया. परियोजनाओं के तहत किए जा रहे विभिन्न कार्यों की समीक्षा की. जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने अधिकारियों को विभिन्न पहलुओं पर सुझाव दिए, जो दिल्ली सरकार द्वारा बनाई जा रही झीलों के कायाकल्प परियोजना का हिस्सा है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों से बुराड़ी की दोनों झीलों को आसपास के लोगों के लिए सुरक्षित स्थान के रूप में विकसित करने के आदेश दिए, ताकि यहां पर्यटक गर्मी से राहत के साथ प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले पाएं.
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सत्य विहार की झील को पुनर्जीवित कर रही केजरीवाल सरकार
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार राजधानी को झीलों का शहर बनाने की मुहिम में जुटी है. कई झीलों और जलाशयों को मनोरंजक और सुरक्षित स्थल के तौर पर विकसित किया जा रहा है. झीलों और जलाशयों के पुनर्जीवित होने से राजधानी की बायोडायवर्सिटी में भी सुधार होगा और साथ ही आसपास के भूजल स्तर में भी सुधार आएगा. एक तय भूजल स्तर पर उस पानी का इस्तेमाल पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के लिए भी कर पाएगा. दिल्ली की सभी झीलों और जलाशयों को विकसित करने के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है, ताकि इनके सौंदर्यीकरण के साथ ग्राउंड वॉटर को रिचार्ज करने में भी मदद मिल सके. उन्होंने बताया कि बुराड़ी के सत्य विहार स्थित झील राजधानी में पुनर्जीवित होने वाली 23 झीलों में से एक है. इस झील का क्षेत्रफल 13,371 वर्ग मीटर है. जहां पहले आसपास के लोग इस झील को ठोस कचरा डंपिंग साइट के रूप में इस्तेमाल करने लगे थे और आसपास की निकासी का गंदा पानी झील में गिर रहा था. वहीं, अब केजरीवाल सरकार ने कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड के माध्यम से झील को पुनर्जीवित करने की ठानी है. ये झील कंक्रीट के शहर में जन्नत सा अहसास कराएगी. साफ आबोहवा के साथ आसपास के लोगों को काफी राहत मिलेगी.
ऐसे काम करेगा कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड
सत्य विहार स्थित झील में कंस्ट्रक्टेड वेटलैंड बनाए गए हैं. इनके माध्यम से रॉ सीवेज, एक स्क्रीन चैंबर से होते हुए सैटलिंग टैंक में जाता है. फिर कंक्रीट की लेयर्स पर लगे पौंधों से गुजरते और फिल्टर होते हुए आगे बढ़ता है. इसके बाद ट्रीटेड वॉटर टैंकर में एकत्रित होता है और इस पानी को आखिर में झील में डाला जाता है.
लक्ष्मी विहार स्थित एक्सटेंशन कॉलोनी में विकसित की जा रही एक और झील, फ्लोटिंग राफ्टर्स तकनीक से हो रहा सीवेज वॉटर ट्रीटमेंट
बुराड़ी में लक्ष्मी विहार स्थित एक्सटेंशन कॉलोनी के पास विकसित की जा रही झील करीब 6500 वर्ग मीटर में फैली है. यहां से पहले आसपास के मौहल्ले का सीवेज गुजरता था. अब झील को जीवंत करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से सीवेज वॉटर का ट्रीटमेंट फ्लोटिंग राफ्टर्स तकनीक के माध्यम से किया जा रहा है. झील में फ्लोटिंग राफ्टर लगाए गए हैं. इन फ्लोटिंग राफ्टर पर ऐसे पौधे लगे हैं, जो पानी से प्रदूषकों को प्राकृतिक तरीके से साफ करने में मदद करते हैं. यानि इनकी जड़ें फिल्टर की तरह काम करती हैं. ये पौधे न सिर्फ प्रदूषण को सोखने की क्षमता रखते हैं, बल्कि जल और वायु प्रदूषण भी कम करते हैं. ये बड़े पेड़-पौधे की तरह हवा में घुले प्रदूषक तत्वों को सोखते हैं. इसके अलावा फ्लोटिंग वेटलैंड से पानी में अच्छे माइक्रोब भी घुल जाते हैं. जहां पहले झील में गंदगी का अंबार लगा रहता था, इससे लोगों में महामारी फैलने का डर था. अब दिल्ली जल बोर्ड ने यहां से गंदगी को साफ कर एक सुंदर झील तैयार की है, जिसका इलाके के लोग आनंद ले सकेंगे.
दिल्ली में झीलों के विकसित होने से साफ होगी आसपास की आबोहवा
जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि दिल्ली के विभिन्न इलाकों में केजरीवाल सरकारी की ओर से पुनर्जीवित की जा रही झीलें न केवल दिल्ली के लोगों के लिए एक मनोरंजन स्थल के रूप में विकसित होगी, बल्कि ये दिल्ली के गिरते भूजल स्तर में सुधार लाने में भी मददगार साबित होगी. ये झीलें कार्बन भंडारण के लिए एक सिंक के रूप में भी काम करेंगी. पौधों, पक्षियों और जानवरों की कई प्रजातियों के लिए आशियाना बनेंगी. झीलों से आसपास की आबोहवा भी साफ होगी. इससे महानगर की बढ़ती आबादी के लिए पानी की डिमांड और सप्लाई के अंतर को कम करने के अलावा गर्मी के चरम के दौरान तापमान को कम करने में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा आसपास के लोगों को भी राहत मिलेगी.
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