नई दिल्ली। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) राजधानी बनाने का फैसला किया है, ताकि पारंपरिक ईंधन पर हमारी निर्भरता भी कम हो और प्रदूषण भी घटे. दिल्ली सरकार ने साल 2025 तक राजधानी दिल्ली की सड़कों पर 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहन चलाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार कई प्रयास कर रही है. वाहन खरीदने पर सब्सिडी देने के साथ ही रोड टैक्स में भी छूट दी जा रही है.
डीटीसी बस डिपो में बनेंगे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन
दिल्ली में Electric Vehicle के लिए ज्यादा से ज्यादा चार्जिंग स्टेशन बनाने से चालकों को राहत मिलेगी. दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) बस डिपो में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे. दिल्ली सरकार ने इसके लिए सीईएसएल (कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड) के साथ समझौता किया है.
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इसके तहत अगले 4 महीने में 7 डिपो में चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी. दूसरे डिपो में भी चार्जिंग स्टेशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सर्वे कराया जाएगा. इससे इलेक्ट्रिक वाहन चालकों की परेशानी दूर होगी.
वाहन चालक इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर हो रहे आकर्षित
सरकार के प्रयासों का ही नतीजा है कि इस साल सीएनजी से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है. दिल्ली में प्रदूषण बहुत ज्यादा है, ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहन को तरजीह दी जा रही है. बस एक समस्या चार्जिंग स्टेशन की है, जिसे दूर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
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बता दें कि इस समय दिल्ली में 70 से अधिक चार्जिंग स्टेशन तैयार हैं. केजरीवाल सरकार ने 100 चार्जिंग स्टेशन बनाने की घोषणा की थी, जिसे बस डिपो और मेट्रो स्टेशन परिसर में बनाया जाना है. बिजली वितरण कंपनियां भी अपने स्तर पर इसके लिए काम कर रही हैं. इसमें और तेजी लाने की जरूरत है. पेट्रोल पंप की तरह ईवी चालकों को यह सुविधा मिलनी चाहिए.