नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा 4 SDM सस्पेंड करने का सच बताया है. एसडीएम ने गैर कानूनी तरीके से सरकारी जमीन को निजी लोगों को बेचा, जिसका खुलासा ‘आप’ विधायक सौरभ भारद्वाज ने किया था. विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में इसकी जांच की गई. इसके अलावा भ्रष्टाचारियों को बचाने और तथ्य छिपाने पर डिविजनल कमिश्नर संजीव खिरवार को नोटिस दिए. दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने बताया कि दिल्ली विधानसभा की विशेषाधिकार समिति ने जांच की, लेकिन एलजी कार्यालय ने इस बात को छिपाने की कोशिश की. उपराज्यपाल कार्यालय ने 4 एसडीएम और अफसर सस्पेंड करने का पूरा कारण मीडिया को नहीं बताया.

विधानसभा में उठाया गया था जमीन घोटाले का मुद्दा

आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि विधानसभा में मैंने प्रश्नकाल में जमीन घोटाले को उठाया था. मुख्यमंत्री कार्यालय के डिप्टी सेक्रेटरी के भ्रष्टाचार का मामला अभी का नहीं है, बल्कि एसडीएम रहते हुए जमीन गलत तराके से निजी लोगों के नाम करने का है. उन्होंने कहा कि एलजी कार्यालय भ्रामक सूचना देने से बचें. एलजी कार्यालय के अंदर अधिकारी या तो एलजी को गुमराह कर रहे हैं या फिर वो खुद गुमराह हो रहे हैं.

विधायक सौरभ भारद्वाज

सैकड़ों करोड़ की सरकारी जमीनों को प्राइवेट लोगों को दिया गया

सौरभ भारद्वाज ने बताया कि जनवरी में विधानसभा सत्र के दौरान रेवेन्यू डिपार्टमेंट से संबंधित एक सवाल लगाया था, जिसका जबाब रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने नहीं दिया था. 3 जनवरी 2022 को तारांकित प्रश्न संख्या 4 के जरिए पूछा गया कि क्या यह सत्य है कि उत्तरी जिला के अंतर्गत झंगोला गांव में बहुत सी मुस्लिम कस्टोडीयन संपत्तियां थीं, जिन्हें गैरकानूनी तरीके से निजी लोगों को दे दिया गया. इससे संबंधित मैंने 5 और प्रश्न पूछे थे. उसमें मैंने पूछा थे कि क्या उतरी दिल्ली में झंगोला गांव में सैकड़ों करोड़ की सरकारी जमीनों को प्राइवेट लोगों को गलत तरीके से दिया गया है. इस सवाल का जवाब विभाग ने नहीं दिया था.

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कई एसडीएम ने सैकड़ों करोड़ का किया घोटाला

इस मामले में दिल्ली विधानसभा की कमेटी ने डिविजनल कमिश्नर संजीव खिरवार सहित अन्य अधिकारियों को बुलाया. उसमें पता चला कि कई लोग जो विभाजन के समय में भारत छोड़कर पाकिस्तान चले गए थे, उनकी संपत्ति भारत में रह गई, उसको एवेक्युई संपत्ति कहते हैं और सरकार की कस्टडी में जमीन थी, उसका किसी और को उसका स्वामित्व नहीं दे सकते. उसके बावजूद भी नॉर्थ दिल्ली के अंदर कई एसडीएम ने सैकड़ों करोड़ की जमीनें भ्रष्टाचार करके निजी लोगों को सौंप दी.

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कई एसडीएम ने गलत तरीके से पास किए आदेश

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि समिति की जांच में पता चला कि यह 500 बीघा से ऊपर जमीन है. ऐसे में कम से कम 500 करोड़ रुपए के जमीन का मामला है. कई एसडीएम ने गलत तरीके से आदेश पास किए. इस मामले में डिविजनल कमिश्नर संजीव खिरवार के जवाबों से समिति बिल्कुल संतुष्ट नहीं थी. संजीव खिरवार को कई बार समिति में बुलाया गया. समिति के जवाब नहीं देने पर उनको अवमानना नोटिस भी दिए गए. इस मामले में करीब 2 महीने पहले अजीत ठाकुर नाम के एसडीएम को निलंबित किया गया. तब समिति ने कहा कि आपने सिर्फ एक अफसर को सस्पेंड कर दिया, लेकिन इस तरह के तो बहुत सारे मामले हैं.

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समिति की जांच में गड़बड़ियां पाई गईं

अभी हाल ही में इस मामले में एसडीएम देवेंद्र शर्मा, पीसी ठाकुर और हर्षित जैन सस्पेंड हुए हैं. अभी इस मामले में कई एडीएम और डीएम के बारे में समिति की जांच में गड़बड़ियां पाई गई हैं. इन लोगों के सस्पेंशन भी अभी होने बाकी हैं, जिसमें नागेंद्र शेखरपति त्रिपाठी, डीएम मेनका, डिविजनल कमिश्नर रहे संजीव खिरवार, एडीएम नितिन पर कार्रवाई हो सकती है.