नई दिल्ली. दिल्‍ली सरकार के तीन साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि अगर कोई बच्चा दिल्ली में पैदा होता है तो उसकी शिक्षा और स्वास्थ्य का खर्चा सरकार उठाए. केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार प्राइवेट अस्पतालो के खिलाफ नहीं है लेकिन वे चाहते हैं कि सरकारी अस्पतालों की क्षमता इतनी बढ़ा दी जाए कि अगर कोई बच्चा दिल्ली में पैदा हो ोत उसकी शिक्षा और स्वास्थ्य का खर्चा सरकार उठाए

केजरीवाल ने इस मौके पर एक ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि एक-एक पैसा जनता के विकास पर खर्च हो रहा है. आज से 3 साल पहले 2015 में वैलेंटाइन डे पर 70 में से 67 सीटें जीतकर आम आदमी पार्टी सरकार ने शपथ ली थी.

केजरीवाल ने बताया कि उनकी सरकार स्वास्थ्य को लेकर 3 टियर सिस्टम ला रही है जिसमें मोहल्ला क्लीनिक, दूसरा स्तर पॉली क्लीनिक और तीसरा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल. केजरीवाल ने कहा कि अब तक 164 मोहल्ला क्लिनिक बनकर तैयार हो चुके हैं और 786 मोहल्ला क्लिनिक बन रहे हैं.

केजरीवाल ने कहा कि देश में कुल बजट का ढाई फीसदी स्वास्थ्य पर खर्च होता है. राजस्थान में साढ़े चार प्रतिशत होता है जबकि दिल्ली में स्वास्थय पर 12 फीसदी खर्च किया जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि जब हम आंदोलन में थे तब लोग कहते थे की सारी कमाई तो बिजली और पानी के बिल में चली जाती है, लेकिन जब से हमारी सरकार आई है तब से हमने बिजली के बिल नहीं बढ़ने दिए. 2010 में 400 यूनिट खर्च करने पर 1340 रु आता था. 2014 में 2040 रु आता था और 2017-18 में अब 1170 रूपये आता है.

अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में अब तक केवल 10 हज़ार बेड सरकारी अस्पतालों में थे. अगले साल तक साढ़े पांच हज़ार बेड और तैयार हो जाएंगे. दिल्ली के अंदर 26 पॉली क्लीनिक खुल चुके है, 94 पॉली क्लीनिक के लिए जमीन देखी जा चुकी है, उनके लिए पैसा भी जारी किया जा चुका है.