दिल्ली में दलित छात्रों के लिए शुरू की गई मुफ्त कोचिंग योजना (free coaching scheme) में अनियमितताओं का मामला उजागर हुआ है. भाजपा सरकार ने आरोप लगाया कि जांच में 10 हजार फर्जी छात्रों की पहचान हुई है. प्रारंभिक जांच के बाद, राज्य सरकार ने उपराज्यपाल से इस मामले की विस्तृत जांच कराने की मांग की तुरंत जांच के आदेश दिए. अब भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) इस पूरे मामले की जांच करेगी.

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दिल्ली सचिवालय में बुधवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2018 में दलित छात्रों के लिए जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा विकास योजना की शुरुआत की थी. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुफ्त कोचिंग योजना के तहत 2021-22 में 10,000 छात्रों की कोचिंग का बिल प्रस्तुत किया गया, जबकि इनमें से कई छात्रों का कोचिंग में कोई रिकार्ड ही नहीं था. शिक्षा मंत्री के अनुसार, जांच में केवल 3,000 छात्रों की पुष्टि हुई, जिसके बाद वित्तीय अनियमितता की फाइल उपराज्यपाल विनय सक्सेना को भेजी गई.

पिछली सरकार के कार्यकाल में जुलाई 2021 से अगस्त 2022 के बीच एक योजना के तहत 13 हजार छात्रों के लिए 145 करोड़ रुपये का बिल कोचिंग संस्थानों द्वारा सरकार को प्रस्तुत किया गया, जबकि इस योजना का कुल बजट केवल 15 करोड़ रुपये था. शिक्षा मंत्री सूद ने बताया कि जब उन्होंने इस योजना का अध्ययन किया, तो पाया कि यूपीएससी की तैयारी के लिए अधिकतम शुल्क एक लाख रुपये था. इस हिसाब से 13 हजार छात्रों का कुल बिल 130 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि 145 करोड़ रुपये का बिल कैसे बना. यह स्थिति दर्शाती है कि पिछली सरकार में सब कुछ मिलीभगत के तहत चल रहा था और दलित छात्रों के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा था.

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मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि मामले में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि आपकी राजनीति दलितों के नाम पर केवल दिखावा करती है, जबकि जब जिम्मेदारी निभाने का समय आता है, तो वह उनके अधिकारों पर डाका डालने से भी नहीं चूकती.

BJP योजनाएं बंद करना चाहती है: सौरभ भारद्वाज

आप की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया है कि भाजपा आम आदमी पार्टी द्वारा चलाए जा रहे जनकल्याणकारी कार्यक्रमों को समाप्त करने की कोशिश कर रही है. इसके लिए भ्रष्टाचार का बहाना बनाया जा रहा है, जबकि सच्चाई यह है कि अब तक भ्रष्टाचार के किसी भी आरोप को साबित नहीं किया जा सका है. उन्होंने बताया कि मोहल्ला क्लीनिक बंद कर दिए गए हैं, अस्पतालों में मुफ्त दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही हैं, और महिलाओं के लिए बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा समाप्त की जा रही है. इसके अलावा, मुफ्त पानी की योजना भी बंद होने की कगार पर है.

2022 में बंद हो गई थी

आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा दलित छात्रों के लिए शुरू की गई योजना को वर्ष 2022 में बंद कर दिया गया था.