Kerala Landslide: केरल में कुदरत का कहर बरपा है। केरल के वायनाड (Wayanad Landslide) जिले में मंगलवार सुबह तीन घंटे में आए चार लैंडस्लाइड में अबतक 145 से अधिक मौतें हो चुकी है। साथ ही 200 से अधिक लोग अब भी लापता है। मौतों के आंकड़ा पल-पल बदल रहा है। रात 2 बजे से सुबह 6 बजे के बीच हुए लैंडस्लाइड में 4 गांव बह गए। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। भू-स्खलन के बाद हर तरफ सिर्फ तबाही का मंजर दिखा। नदी में तैरते शव, टूटी हुई सड़कें-ब्रिज और सैकड़ों घरों का बिखरा मलबा…
स्क्यू के लिए आर्मी, एयरफोर्स, SDRF और NDRF की टीम मौके पर मौजूद है। सेना ने देर रात तक 1 हजार लोगों को मलबे से निकाल चुकी है। रात होने की वजह से रेस्क्यू बंद कर दिया था। बुधवार सुबह से रेस्क्यू फिर शुरू हो गया है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बताया जिले में स्थापित 45 राहत शिविरों में 3,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है। विजयन ने ने बताया कि पहला लैंडस्लाइड रात दो बजे हुआ, उसके बाद दूसरा लैंडस्लाइड सुबह चार बजकर दस मिनट पर हुआ। उन्होंने बताया कि लोगों को ढूंढने और मदद करने के लिए ड्रोन और डॉग स्क्वॉड की मदद भी ली जा रही है। इलाके में बारिश की वजह से हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि, रेस्क्यू टीम को लोगों के शव निकालने में भी कड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है।
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लगातार बारिश के कारण रेस्क्यू में हो रही परेशानी
सेना ने चूरलमाला में बचाव अभियान चला रही है, यहां शाम 6 बजे भूस्खलन हुआ था। यहां सेना की 4 टीमें काम कर रहीं है।कन्नूर से आर्मी के 225 जवानों को वायनाड के लिए रवाना किया गया है। एयरफोर्स के 2 हेलिकॉप्टर भी रेस्क्यू के लिए भेजे गए, लेकिन बारिश के चलते उन्हें कोझिकोड लौटना पड़ा। लगातार बारिश की वजह से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने वायनाड दौरा रद्द कर दिया है। वे यहां के पीड़ितों से मिलने जाने वाले थे।
मौसम विभाग ने वायनाड समेत 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया
कुदरत की मार झेल रहे केरल को अभी और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इधर मौसम विभाग ने वायनाड समेत 5 जिलों मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड कन्नूर और कासरगोड जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है।
2018 में आई बाढ़ ने 483 लोगों की ली थी जान
बता दें कि केरल में अगस्त 2018 में आई भीषण बाढ़ में 483 लोगों की मौत हो गई थी। इसे राज्य की ‘सदी की बाढ़’ कहा गया था। इस विनाशकारी आपदा ने न केवल लोगों की जान ली, बल्कि संपत्ति और आजीविका को भी नष्ट कर दिया था। इसका असर इतना ज्यादा था कि केंद्र सरकार ने 2018 की बाढ़ को ‘डिजास्टर ऑफ सीरियस नेचर’ घोषित किया था। इस हादसे के बाद 3.91 लाख परिवारों के 14.50 लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पुनर्वासित किया गया था। कुल 57,000 हेक्टेयर कृषि फसलें नष्ट हो गईं थीं। 2018 में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा प्रेग्नेंट महिलाओं को एयरलिफ्ट करने की तस्वीरें केरलवासियों के जेहन में अभी भी ताजा हैं। 2018 की बाढ़ से तबाह केरल के पुनर्निर्माण के दौरान पर्यावरण के अनुकूल निर्माण की आवश्यकता पर भी सवाल उठाए गए थे।
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