स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय महिला टीम इस समय बांग्लादेश के दौरे (India tour of Bangladesh 2023) पर हैं. दोनों देशों के बीच तीन टी-20 अंतरराष्ट्रीय और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेली जाएगी. वनडे सीरीज आईसीसी चैंपियनशिप (ICC Championship match) का हिस्सा होगी. भारतीय महिला टीम (Indian Women’s Team) टी-20 विश्वकप 2023 के बाद पहली बार मैदान पर उतरी. हरमनप्रीत कौर (Harmanpreet Kaur) एंड कंपनी रविवार से ढाका में शुरू हुए पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच से इस दौरे की शुरुआत कर चुकी है. इन सबके बीच भारत की एक महिला क्रिकेटर सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रही है जिनका नाम मिन्नू मणि (Minnu Mani) है. उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ पहले टी20 मैच में उपकप्तान स्मृति मानधना (Smriti Mandhana) ने डेब्यू कैप थमाया.

बता दें कि, मिन्नू देश के लिए खेलने वाली केरल की पहली महिला क्रिकेटर बन गई हैं. वह इससे पहले वीमेंस प्रीमियर लीग (WPL 2023) का भी हिस्सा रह चुकी हैं. उन्हें दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) ने 30 लाख रुपए में खरीदा था. मिन्नू दाएं हाथ की ऑफ स्पिनर हैं. उन्होंने पहले एडिशन में दिल्ली के लिए सिर्फ तीन ही मुकाबले खेले. लेकिन वर्तमान में उनकी संघर्ष की कहानी सुन लोग उन्हें सलाम कर रहे हैं. वह केरल के वायनाड (Wayanad, Kerala) के कुरुचिया समुदाय से आती हैं. उनके पिता दिहाड़ी मजदूरी करते हैं जबकि मां घर पर रहती हैं. मिन्नू को बचपन से ही क्रिकेट का शौक था और उनका टैलेंट एलसम्मा बेबी ने पहचाना जो उनके फिजिकल एजुकेशन के टीचर थे.

मिन्नू का टैलेंट देख एलसम्मा उन्हें वायनाड जिले के अंडर-13 टीम के ट्रायल्स के लिए लेकर गए. लेकिन उनके पिता इसके खिलाफ थे. पहले तो उन्होंने यह कहकर मिन्नू से क्रिकेट को छोड़ने के लिए कहा कि यह लड़कों का खेल है. लेकिन बाद में उन्होंने मिन्नू की बात मान ली. इसके बाद मिन्नू को ट्रायल्स में चुन लिया गया और बाद में उनका चयम केसीए एकेडमी के जूनियर गर्ल्स स्टेट कैंप में भी हो गया. इसके बाद उनकी एंट्री केरल की अंडर-16 टीम में हुई. एक वर्ष बाद ही उनका चयन राज्य की सीनियर टीम में हो गया.

दरअसल, मिन्नू को इसके बाद भी कई परेशानियां झेलनी पड़ी. उनका दिन सुबह 4 बजे शुरू होता था. वह अपनी मां की खाना बनाने में मदद करती थीं. उनके घर से नजदीकी स्टेडियम आधे घंटे की दूरी पर था लेकिन सीधी बस न होने के चलते उन्हें चार बसें बदलकर प्रैक्टिस के लिए स्टेडियम पहुंचना होता था. जैसे ही वह शाम को सात बजे घर पहुंचती थी. हालांकि मिन्नू का संघर्ष यहीं नहीं थमा. उनके पिता ने उन्हें क्रिकेट सिखाने के लिए अपने दोस्त से लोन भी लिया. इसके बाद जब उन्होंने कुछ पैसे कमाने शुरू किए तब उन्होंने सारा लोन चुकाया और अपने परिवार के लिए एक छोटा-सा घर भी बनाया. मिन्नू केरल महिला टीम की अहम सदस्य रह चुकी हैं. वो इंडिया ‘ए’ और इंडिया ‘ब्लू’ के लिए खेल चुकी हैं.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें