Ketu Gochar 2023: छाया ग्रह केतु ने स्वाती नक्षत्र से निकल कर सोमवार को शाम 6:13 मिनट पर चित्रा नक्षत्र में गोचर करना शुरू किया है. केतु के चित्रा में गोचर से इन राशियों का हाल बेहाल हो सकता है. संक्षिप्त में जाने किस राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा. कन्या राशि वालों को धन के मामले में परेशानियां झेलनी पड़ेगी. मिथुन राशि वालों को लव लाइफ में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
मीन राशि वाले बीमारियों का शिकार हो सकते हैं. कर्क राशि वाले के मां के स्वास्थ को लेकर सतर्क रहें. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, जब किसी ग्रह से संबंधित भविष्यवाणी की जाती है तो उसमें नक्षत्रों की भी अहम भूमिका होती है. ज्योतिष में कुल 27 नक्षत्र हैं. प्रत्येक नक्षत्र को चार पदों में बांटा गया है और 12 राशियों में विभाजित किया गया है.
ज्योतिष में केतु ग्रह का महत्व
ज्योतिष में केतु अध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष, तांत्रिक आदि के कारक होते हैं. केतु एक ऐसा ग्रह है जो भौतिक दुनिया से अलग हो जाता है और आध्यात्मिकता के मार्ग की ओर ले जाता है. ज्योतिष में राहु को किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है. लेकिन धनु केतु की उच्च राशि है, जबकि मिथुन में यह नीच भाव में होते हैं. वहीं 27 रुद्राक्षों में केतु अश्विनी, मघा और मूल नक्षत्र के स्वामी होते हैं और साथ ही यह एक छाया ग्रह भी है. यदि कुंडली में केतु सकारात्मक या नकारात्मक भाव में विराजमान हैं तो यह उस भाव के स्वामी की स्थिति के आधार पर अच्छे व बुरे परिणाम प्रदान करते हैं. भगवान गणेश केतु के अधिष्ठाता देवता हैं. केतु ग्रह के शुभ प्रभाव प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन भगवान गणेश की पूजा अवश्य करनी चाहिए.
केतु के अशुभ प्रभाव को दूर करने के आसान उपाय
- केतु को मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु के मत्स्यावतार की पूजा करें.
- भगवान गणेश को दूर्वा घास अर्पित करें और उनकी विधि-विधान से पूजा करें.
- श्री गणपति अथर्वशीर्ष स्त्रोत का पाठ करें.
- कुंडली में केतु की मजबूत स्थिति के लिए आवारा कुत्तों और गायों को खाना खिलाएं.
- इसके अलावा केतु का रत्न कैट्स आई धारण करें. हालांकि, किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व ज्योतिष की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
- साबुत उड़द, काले तिल और काले जामुन से बनी मिठाई का दान करें.