सुरेश परतागिरी, बीजापुर. लल्लूराम डॉट कॉम की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. बीजापुर जिले में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत संचालित 11 पोटाकेबिन में फर्जी भुगतान का मामले में एक अधिकारी पर निलबंन की गाज गिरी है. मामले में कलेक्टर के निर्देशन में जिले के दो अनुभाग भोपालपट्टनम, बीजापुर के 11 पोटाकेबिनो में अनुभाग के एसडीएम की जांच कर फर्जी भुगतान के प्रमाण प्राप्त हुए.

बीजापुर कलेक्टर ने 11 पोटाकेबिनो में 42 लाख 78 हजार 475 शासकीय राशि की फर्जी भुगतान के मामले में गंभीर रुख अपनाते हुए दो शासकीय कर्मचारियों के खिलाफ थाना स्तर पर प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. मामले पर संयुक्त संचालक बस्तर शिक्षा विभाग ने बीजापुर,जिला बीजापुर(छ.ग.) के पत्र क्रमांक/581/कलेक्टर/शिकायत/2025 बीजापुर दिनांक 08/07/2025 में उल्लेख अनुसार शासकीय राशि के दुरुपयोग एवं अनियमितता में संलिप्तता छ.ग.सिविल सेवा (आचरण)नियम 1965 के नियम 3 के उपनियम(1) (2) (3) के तहत तत्काल प्रभाव से सहायक जिला परियोजना अधिकारी पुरषोत्तम चन्द्राकर को निलंबित कर दिया गया है.

सहायक परियोजन अधिकारी निलंबित

समग्र शिक्षा के सहायक जिला परियोजना अधिकारी पुरषोत्तम चन्द्राकर को मामले में निलंबित किया गया है. बताया जा रहा है कि इनके माध्यम से ही फर्मो को भुगतान किया गया. इन्होंने ही बिना बिल देखे भुगतान करवा दिया. तीन फर्मो के बीच 42 लाख से ज्यादा की रकम सीधे खाते से डाल दी गई. यह भी नही देखा गया कि फर्म ने किस तरह की सप्लाई की है. बिना काम और बिल देखे भुगतान किया गया.

दो पर केस, एक निलंबित

बिना बिल के 42 लाख रुपयों फर्म को देने में चार लोगों की संलिप्तता प्रारंभिक जांच में सामने आई थी. इसमें दो पर पहले केस दर्ज करवाया गया. फिर एक को निलंबित कर दिया गया, शिक्षा विभाग के ही दो कर्मचारियों को नोटिस भी दिया गया था. जानकारी के अनुसार हालांकि इन दोनों पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बताया जा रहा है कि चारों लोगों ने नेक्सस बनाकर पेमेंट को अंजाम दिया.

समग्र शिक्षा के 11 पोटाकेबिन के अधीक्षक व तीन फर्म भी जांच के दायरे में

जांच के अनुसार सामग्र शिक्षा के 11 पोटाकेबिन पर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जांच किया गया था. जिसमें इन 11 पोटाकेबिन में भोपालपट्टनम अनुभाग 5 पोटाकेबिन और बीजापुर अनुभाग के 6 पोटाकेबिन में कुल 42 लाख 78 हजार 475 शासकीय राशि का फर्जी भुगतान तीन फर्मो पर किया गया. 

मामले को लेकर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इन 11 पोटाकेबिन के अधीक्षकों पर आखिर किस अधिकारी या नेता का फोन गया था और किसके दबाव में यह सब हुआ? तीनों फर्मों के संचालकों की किस स्थानीय नेता या अधिकारी से सांठगांठ रही होगी? अब सवाल यह है कि प्रशासन इन पोटाकेबिन के अधीक्षकों और फर्म संचालकों के खिलाफ क्या कार्रवाई करेगा?

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