खैरागढ़। संगीत और संस्कृति की धरती खैरागढ़ में एक ऐतिहासिक पल दर्ज हुआ. जिले के पहले आधिकारिक डिस्ट्रिक्ट थीम सांग “हमर सुग्घर जिला” का विमोचन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया. इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह समते कई जनप्रतिनिधि भी मंच पर मौजूद रहे. कार्यक्रम में दोनों ही नेताओं ने इस थीम सांग को जिले की पहचान, गौरव और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत चित्रण बताया. राज्य सम्मान लाला जगदलपुरी से सम्मानित साहित्यकार डॉ. पीसी लाल यादव द्वारा रचित यह गीत जिले की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को एक सुरीले सफर में पिरोता है. लोकधुन की मिठास, माटी की खुशबू और कर्णप्रिय संगीत से सजा यह गाना न केवल सुनने वालों के मन को भाता है, बल्कि जिले की आत्मा से जुड़ाव का एहसास कराता है.

आधिकारिक वीडियो खैरागढ़ कला संगीत विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल पर जारी किया गया है, जहां रिलीज होते ही इसे दर्शकों का भरपूर प्यार मिलने लगा है. लोग इसे जिले के लिए गर्व का गीत मानकर साझा कर रहे हैं. गीत के निर्माण में जिले और प्रदेश के कई नामचीन कलाकारों का योगदान रहा. स्वर डॉ. विभाष पाठक, डॉ. परमानंद पांडेय, सरला साहू, हर्षा साहू, राहुल चौहान और हर्ष चंद्राकर ने दिए.रिदम सहयोग का कार्य श्रीरामचंद्र सर्पे और आशीष यादव ने संभाला, जबकि वॉइस डबिंग विप्रांशी पाठक और विभाष पाठक द्वारा की गई.

Humar Sugghar Jila गाने की लिंक:

इस गाने के रिकॉर्डिस्ट देवधर साहू रहे और कम्पोजिशन एवं संगीत संयोजन डॉ. बिहारी तारम ने किया. कलाकारों में वंदना, झरना, सीजी सिरमौर, खगेश, रोशन और रिंकू वर्मा ने अभिनय किया, वहीं बाल कलाकार कुमारी पाखी मरकाम ने अपनी सशक्त प्रस्तुति दी. नृत्य निर्देशन भुनेश्वर साहू ने किया, प्रोडक्शन कंट्रोलर के रूप में हेमंत पाल और श्रेयांश सिंह रहे, तथा कैमरा सहायक नरेश नेताम थे. DOP, स्क्रीनप्ले, एडिट और VFX का कार्य लेखेश्वर सहारे ने किया, जबकि इस पूरी परिकल्पना और निर्देशन की बागडोर पत्रकार अमित पांडेय ने संभाली. यह थीम सॉंग सिर्फ एक गीत नहीं, बल्कि खैरागढ़-छुईंखदान-गंडई जिले की आत्मा, परंपरा और एकजुटता का सुरमय दस्तावेज है, जो आने वाले वर्षों तक जिले के गौरवगान के रूप में गूंजता रहेगा.