शशांक द्विवेदी, खजुराहो। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल खजुराहो में एक बड़ी राहत की खबर आई है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया) ने नगर परिषद खजुराहो को पिछले 20 वर्षों से बकाया 40 लाख 33 हजार 276 रुपये की संपत्ति कर राशि जमा कर दी है। यह भुगतान नगर परिषद की कुर्की की सख्त चेतावनी के बाद किया गया, जिससे एयरपोर्ट की संपत्ति जब्ती की कार्रवाई टल गई। हालांकि, 5 लाख 2 हजार 460 रुपये की पेनल्टी राशि अभी भी बकाया है, जिस पर नगर परिषद के मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) ने तत्काल कार्रवाई का ऐलान किया है।

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यह विवाद तब भड़का जब नगर परिषद ने कुल 45 लाख 35 हजार 736 रुपये से अधिक की बकाया संपत्ति कर वसूली के लिए कड़ा रुख अपनाया। सीएमओ बसंत चतुर्वेदी ने एयरपोर्ट की कुर्की के लिए पुलिस बल की मांग की थी, जो मीडिया में सुर्खियां बन गई। लगभग 20 रिमाइंडर भेजने के बावजूद भुगतान न होने पर सीएमओ ने एयरपोर्ट निदेशक और विशेष कार्याधिकारी को नोटिस जारी कर 15 दिनों की अंतिम मोहलत दी थी। नोटिस की समयसीमा समाप्त होने पर, नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 164(3) के तहत कुर्की की कार्रवाई प्रस्तावित की गई। सीएमओ ने राजनगर एसडीएम प्रशांत अग्रवाल समेत संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई और कानून-व्यवस्था बनाए रखने का निर्देश दिया था। एसडीएम ने भी संयुक्त टीम गठित कर संपत्ति कुर्की और विक्रय की पुष्टि की थी।

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एयरपोर्ट अथॉरिटी ने अब मुख्य बकाया राशि का चेक कल ही जारी कर दिया, जो नगर परिषद के बैंक खाते में जमा हो चुका है। एयरपोर्ट डायरेक्टर संतोष सिंह ने बताया, “हमने तुरंत भुगतान कर दिया है। मैं पिछले दो साल से यहां तैनात हूं, लेकिन मुझे आज तक बकाया टैक्स की कोई औपचारिक जानकारी नहीं दी गई थी। जानकारी मिलते ही कार्रवाई की।” उन्होंने यह भी कहा कि शेष 5 लाख 2 हजार 460 रुपये पेनल्टी टैक्स के रूप में बकाया हैं, जिसके लिए वे वरिष्ठ अधिकारियों से अनुमति लेकर जल्द ही भुगतान करेंगे।

नगर परिषद के सीएमओ बसंत चतुर्वेदी ने कहा, “मुख्य राशि जमा होने से राहत है, लेकिन पेनल्टी पर कोई छूट नहीं दी जा सकती। हम कानूनी प्रक्रिया के तहत शेष राशि वसूलेंगे। यह कार्रवाई अन्य बकायेदारों के लिए भी उदाहरण बनेगी।” उन्होंने जोर देकर कहा कि लगातार प्रयासों के बावजूद एयरपोर्ट पक्ष ने पहले कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, जिससे यह विवाद बढ़ा।

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