शशांक द्विवेदी, खजुराहो। वर्ल्ड यूनेस्को साइट खजुराहो के मुख्य पश्चिम समूह के अधिकांश मंदिरों के शिखर पर खरपतवार और पेड़ से लगातार दीवारों को नुकसान हो रहा है। इतना ही नहीं सीनियर सिटीजन के लिए तीन दिन से ई रिक्शा सर्विस और छह महीने से पानी की व्यवस्था भी बंद है। वहीं भारतीय पुरातत्व विभाग गहरी नींद में सोया हुआ है।

स्थानीय गाइड अनिल कुमार तिवारी ने बताया कि कुछ समय पहले सीनियर सिटीजन के लिए ई रिक्शा की शुरुआत की गई थी। वब भी पिछले कुछ दिनों से बंद पड़ी हुई है। जिससे सीनियर सिटीजन को पैदल ही मंदिरों के दीदार करने के लिए जाना पड़ रहा है। 6 महीने से पर्यटकों के लिए पानी की व्यवस्था भी बंद पड़ी हुई है।

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स्थानीय गाइड श्यामलाल रजक ने कहा कि विश्व धरोहर के रूप में विख्यात खजुराहो जहां पर्यटकों के लिए पानी की व्यवस्था, सीनियर सिटीजन के लिए ई रिक्शा, मंदिरों की दीवारों पर जमे पेड़ जो लगातार मंदिरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं, वहीं भारतीय पुरातत्व विभाग कुम्भकर्ण की नींद में सोया हुआ है।

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टूरिस्ट गाइड्स की माने तो भारतीय पुरातत्व विभाग की ओर से मंदिरों की सफाई, उद्यानिकी के लिए अलग-अलग शाखाएं हैं, लेकिन फिर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है। मंदिरों की दीवार पर जमे पेड़ धरोहर को भी नुकसान पहुंचा रहे है।

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