खालिस्तानी समर्थक और अमृतपाल सिह का करीबी अवतार सिंह खंडा की विदेश में मौत होने का मामला सामने आया है। वह एक निजी अस्पताल में भर्ती था। उस पर यूके में भारतीय तिरंगे का अपमान करने का आरोप है। खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स को गुरुवार को करारा झटका लगा।

तिरंगे के अपमान मामले की जांच अब एनआईए भी कर रही है। कनाडा के वरिष्ठ लेखक गुरप्रीत सिंह सहोता ने उसकी मौत की पुष्टि की है।

अवतार सिंह खंडा का परिवार मोगा में रहता है। उसकी माता चरनजीत कौर एक स्कूल में टीचर है। उसकी एक बहन भी है। खंडा 2014 में इंग्लैंड गया था। उसकी बहन स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करती है। कुछ समय पहले जब अमृतपाल केस की जांच चल रही थी तो सुरक्षा एजेंसियों ने उसके परिजनों से पूछताछ की थी।

अमृतपाल को छिपने में की थी मदद


वारिस पंजाब दे के मुखिया अमृतपाल सिंह को 37 दिनों तक छिपाकर रखने में खंडा ने ही मदद की थी। खंडा को ब्रिटेन में भारतीय दूतावास पर हुए हमले और तिरंगे के अपमान के बाद गिरफ्तार किया गया था। खंडा को लेकर कहा जाता है कि उसने ही पंजाब में अमृतपाल सिंह को खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी।

पढ़ने गया था ब्रिटेन


22 साल की उम्र में खंडा पढ़ाई के लिए ब्रिटेन गया। यहां वह खालिस्तानियों से संपर्क में आया और फिर खालिस्तानी मूवमेंट का एक्टिव मेंबर बन गया। इसके बाद अवतार सिंह खंडा अकाली दल (मान) संगठन से जुड़ गया। इस संगठन से जुड़ने के कुछ दिनों बाद ही वह यूथ विंग का उपाध्यक्ष बन गया।


बम बनाने में माहिर था खंडा


अवतार सिंह खंडा अमृतपाल का गॉडफादर रहा है। अमृतपाल ने पंजाब आने से पहले अवतार सिंह खंडा से मुलाकात की थी। सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि खंडा आईडी और दूसरे तरह के हथियार चलाने में माहिर है। उसने भारत लौटने से पहले अमृतपाल को ‘मिशन खालिस्तान’ के तहत ट्रेनिंग दी है। खंडा के जरिए ही अमृतपाल मोस्ट वांटेड परमजीत सिंह पम्मा के संपर्क में आया था।

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