रोहित कश्यप, मुंगेली। जिले में भ्रष्टाचार का खुलेआम बोल बाला है. एक तरफ जहां जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर अजीत वसंत ये कहते नजर आते हैं कि मेरे कार्यकाल में भ्रष्टाचार नहीं होगा, लेकिन यहां यह बताना लाजमी है कि कलेक्टर साहब के मातहत अधिकारी ही भ्रष्टाचार को संरक्षण देने में लगे हैं. ये बात हम यूं ही नही कर रहे है बल्कि पीडीएस घोटाले से जुड़ा मामले में कार्रवाई नहीं होने से नाराज ग्रामीणों के द्वारा कही जा रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि एक पीडीएस संचालक एजेंसी को अनियमितता की पुष्टि हो जाने के बाद पहले तो SDM साहब के द्वारा निलंबित कर दिया जाता है, लेकिन राजनैतिक हस्तक्षेप की वजह से कुछ दिनों बाद फिर से बहाल कर दिया गया, जिससे नाराज ग्रामीणों ने प्रशासनिक कार्य प्रणाली भी सवाल खड़े कर दिए हैं.
यह है पूरा मामला
दरअसल, मामला मुंगेली शहर से लगे सुरीघाट पंचायत का है. जहां मां आदि शक्ति महिला स्व सहायता समूह के द्वारा पीडीएस दुकान का संचालन किया जा रहा है. सुरीघाट पंचायत के सरपंच, पंच सहित हितग्राहियों ने मुंगेली एसडीएम नवीन भगत से कुछ महीने पहले शिकायत दर्ज कराई थी. पीडीएस संचालक के द्वारा कोरोना काल मे दी जाने वाली राशन सामग्री में अनियमितता से लेकर हर माह हितग्राहियों को वितरण की जाने वाली खाद्य वितरण सामग्री में बड़ी गड़बड़ी की जा रही है, जिस पर एसडीएम ने फ़ूड इंस्पेक्टर के माध्यम से मामले की जांच कराई थी. जांच में अनियमितता की पुष्टि होने के बाद एसडीएम नवीन भगत ने सुरीघाट के इस पीडीएस संचालक एजेंसी को 25 जून को निलंबित कर दिया था.
पंचायत बॉडी से लेकर आम हितग्राही परेशान
इस पीडीएस संचालक की मनमानी और अनियमितता से न सिर्फ हितग्राही बल्कि पंचायत के पंच सरपंच सभी त्रस्त हैं. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि निलंबन की कार्रवाई के बाद निर्धारित समय अवधि पर उक्त एजेंसी एसडीएम के द्वारा निरस्त किया जाना था, लेकिन राजनीतिक दल से जुड़े नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलीभगत कर ऐसा खेल खेला कि महज जांच की औपचारिकता पूरी करने के बाद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ और सिर्फ खानापूर्ति की गई.
ताज्जुब की बात तो ये है कि अनियमितता पुष्टि हो जाने के बाद जिस अधिकारी ने निलंबन की कार्रवाई किया था. उन्होंने ने ही अब बहाली का आदेश भी जारी कर दिया, जिससे साफ जाहिर है कि जिले के कलेक्टर साहब के भ्रष्टाचार निवारण के लिए उठाए कदमों के विपरीत कार्य उनके मातहत अधिकारी करने से नहीं चूक रहे हैं, जिससे न सिर्फ जिला प्रशासन बल्कि राज्य सरकार की छवि धूमिल होना लाजमी है. क्योंकि ग्रामीणों की तथ्यात्मक शिकायत पर कार्रवाई नहीं होना कई सवालों को जन्म दे रहा है.
एसडीएम की कार्रवाई के खिलाफ कलेक्टर से शिकायत
ग्राम पंचायत के सरपंच पंच से लेकर ग्रामीणों ने आज फिर इस पूरे मामले की शिकायत कलेक्टर अजीत वसंत से की. साथ ही अनियमितता करने वाले इस पीडीएस एजेंसी को निरस्त करने की मांग की. कार्रवाई नहीं होने पर शिकायतकर्ताओं के द्वारा उग्र आंदोलन करने की बात कही गई है. इधर कलेक्टर ने इस पूरे मसले पर एसडीएम से प्रकरण मंगाकर जांच कर उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.
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