इमरान खान, खंडवा। मध्य प्रदेश के खंडवा में बाल संप्रेक्षण गृह के अधीक्षक को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है। बच्चों के लिए खाना बनाने वाली अस्थाई महिला कर्मचारी से दो हजार रुपये प्रति महीने लेने की मांग की थी। शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने 4000 रुपये लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी और वर्तमान में बाल संप्रेषण गृह के अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा के खिलाफ लोकायुक्त अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज हुई थी। यह शिकायत बाल संप्रेक्षण गृह में नाबालिक अपाचारियों के लिए खाना बनाने का काम करने वाली अस्थाई महिला कर्मचारी ज्योति पाल ने की थी। फरियादी महिला ने बताया कि उसे काम के बदले 12 हजार रुपये महीना भुगतान होता था।
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काम से हटाने की धमकी देकर मांगता था रिश्वत
अधीक्षक ने महिला कर्मचारी को काम से हटाने की धमकी देते हुए दो हजार रुपए हर महीने रिश्वत की मांग की थी। ज्योति पाल की शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने सत्यता की पुष्टि की और मंगलवार को योजनाबद्ध तरीके से अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा को रंगे हाथ पकड़ा। 2 महीने के 4000 रुपए लेते हुए इंदौर लोकायुक्त टीम ने कार्यालय में ही धरदबोचा।
दो साल पहले भी लेता था रिश्वत
ज्योति पाल ने बताया कि हरजिंदर सिंह अरोरा दो महीने पहले ही ट्रांसफर होकर वापस खंडवा आए हैं। इससे पहले 2 वर्ष पूर्व जब वह यहां पदस्थ थे, उस समय भी 2 हजार रुपये महीना लेते थे। तब महिला की तनख्वाह मात्र 9000 रुपए ही थी। फिलहाल आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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