Kharmas: सनातन धर्म में खरमास के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है. इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है क्योंकि ग्रह और नक्षत्र पृथ्वी से काफी दूर होते हैं. खरमास का दूसरा नाम मलमास भी है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, खरमास के दौरान सूर्य की गति धीमी हो जाने से कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है.

लेकिन, इस समय कोई भी धार्मिक कार्य जैसे पूजा-पाठ, मंत्र जाप आदि किया जा सकता है. इस बार खरमास 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो गया और 14 जनवरी 2025 को समाप्त होगा.

जब सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो सूर्य की गति कम हो जाती है. सूर्य की यह गति हमारे जीवन पर भी प्रभाव डालती है. इसलिए खरमास में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. Kharmas के दौरान तांबे का इस्तेमाल भी वर्जित माना गया है. इस समय दान करना सबसे शुभ माना जाता है.

Kharmas में क्या करना चाहिए?

1. कुंडली में सूर्य को मजबूत बनाने के लिए सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके साथ ही सूर्य मंत्रों का जाप करें. जैसे- ॐ सूर्याय नमः , ॐ घृणि सूर्याय नमः .

2.इसके साथ ही कुंडली में सूर्य को मजबूत बनाने के लिए सूर्य के आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ भी किया जा सकता है.

3. इस समय लक्ष्मी नारायण का पाठ भी करना उत्तम होता है. उनके मंत्रों का जाप करना चाहिए.

4. इस समय सबसे परोपकारी कार्य करें. दान करें.इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.

5. खरमास के दौरान पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार पीपल में देवताओं का वास होता है. इसलिए इसकी पूजा करने से परेशानियां दूर हो जाती हैं.

6. खरमास के दौरान तुलसी पर जल चढ़ाएं. शाम के समय दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से दर्द से राहत मिलती है. पूजा करते समय “ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः” का जाप करें.