Khatushayam ji: आषाढ़ शुक्ल एकादशी यानी देवशयनी एकादशी के पावन अवसर पर बाबा श्याम के दरबार खाटूधाम में श्रद्धा और भक्ति का सैलाब उमड़ने वाला है। शनिवार सुबह से शुरू हो रहा तीन दिवसीय भव्य मेला सोमवार की द्वादशी तक चलेगा। इस बार मेला विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि बीच में रविवार को देवशयनी एकादशी भी पड़ रही है, जिस दिन भगवान विष्णु चार माह के शयन के लिए क्षीरसागर प्रस्थान करते हैं। इस पर्व को लेकर खाटू में करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

सुरक्षा के लिए चाक-चौबंद इंतजाम, 2200 से अधिक जवान तैनात

भीड़ के प्रबंधन और सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन ने अभूतपूर्व तैयारियां की हैं।

  • 2 एडिशनल एसपी, 6 डिप्टी एसपी और 10 इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी व्यवस्था की कमान संभालेंगे।
  • 500 से अधिक पुलिसकर्मी, 1200 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी और 500 होमगार्ड्स विभिन्न प्वाइंट्स पर तैनात किए जाएंगे।
  • श्री श्याम मंदिर कमेटी के 300 स्वयंसेवक गार्ड्स मंदिर परिसर के भीतर श्रद्धालुओं की सहायता करेंगे।

खाटू थाने के हेड कांस्टेबल मोहनलाल ने जानकारी दी कि श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है और हर स्तर पर निगरानी रखी जाएगी।

बिजली-पानी-छाया से लेकर ट्रैफिक तक: व्यवस्थाएं होंगी मजबूत

श्री श्याम मंदिर कमेटी पूरे मेले के खर्च और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालती है। कमेटी के व्यवस्थापक संतोष शर्मा ने बताया कि बिजली, पानी, छाया, चिकित्सा, मार्गदर्शन और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन और मंदिर समिति संयुक्त रूप से व्यवस्था का संचालन कर रहे हैं।

देवशयनी एकादशी का धार्मिक महत्व

देवशयनी एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु क्षीरसागर में चार माह के लिए विश्राम करने चले जाते हैं। इस काल को चातुर्मास कहा जाता है, जिसमें विवाह और अन्य मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। इस अवधि के दौरान सृष्टि का संचालन भगवान शिव करते हैं। भगवान विष्णु देवउठनी एकादशी (कार्तिक मास) पर जागृत होते हैं।

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