कुमार इंदर,जबलपुर। जीसीएफ के शारदा चरण खटुआ हत्याकांड मामले में नया मोड़ सामने आ रहा है। आज फिर से इस मामले की जांच करने पहुंचे फॉरेंसिक एक्सपर्ट बी के सतपति ने कहा कि अभी तक की जांच में जो बात सामने आई है उससे ऐसा नहीं लगता कि यह हत्या है। फॉरेंसिक एक्सपर्ट का कहना है कि, अभी तक उनकी जांच में जो चीजें मिली है उसके हिसाब से 90 प्रतिशत तक यह मामला आत्महत्या का लगता है।

पुलिस का कुछ भी कहने से इंकार
वहीं इस मामले में जांच टीम के प्रभारी एएसपी संजय अग्रवाल का कहना है कि, पुलिस अभी इस मामले में कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है । एएसपी संजय अग्रवाल का कहना है कि, अभी उनकी जांच जारी है। उनका कहना है कि इसमें आए दिन नए-नए मोड़ मिल रहे हैं जिससे उनकी जांच का दायरा बढ़ता चला जा रहा है। पुलिस का कहना है कि उनकी कोशिश होगी कि मामले की जांच पूरी करें।

क्या है आखिर पूरा मामला
बता दें कि जीसीएफ फैक्ट्री द्वारा निर्मित धनुष तोप 155 एम एम में उपयोग होने वाले वायरलेस रोलिंग बेयरिंग का ठेका दिल्ली की सिद्धि सेल्स कंपनी को दिया गया था। कंपनी ने चाइना मेड में मेड इन जर्मन की सील लगाकर बेयरिंग की सप्लाई कर दी थी, मामले की सीबीआई जांच में शारदा चरण खटुवा से भी पूछता आज की गई थी। इस मामले में 10 जनवरी 2019 को सीबीआई ने कटवा के घर पर छापा भी मारा था। टीम ने कम्प्यूटर हार्ड डिस्क, मोबाइल और कुछ सामान भी शारदा चरण खटुवा के घर से जब्त किया था।

घर से निकला तो फिर वापस नहीं लौटा
गन कैरिज फैक्ट्री जीसीएफ में जेडब्ल्यूएम पद पर रहे शारदा चरण खटुवा पर एक मामले को लेकर सीबीआई ने शिकंजा कस दिया था इसके बाद वह 17 जनवरी 2019 को अपने घर से लौट निकले तो फिर कभी नहीं लौटे। परिवार वालों ने उनकी गुमशुदगी की शिकायत धमापुर थाने में कराई। इसके बाद 5 फरवरी को उनका शव जीसीएफ फैक्ट्री के पास एक जंगल में पड़ा हुआ मिला। शव पूरी तरह खराब हालत में मिला था।

पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप
लंबे समय तक जांच में कोई खुलासा ना होने के बाद मृतक की पत्नी मौसमी खाटुवा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए मामले में सीबीआई जांच कराने की मांग की थी। मृतक की पत्नी का कहना था कि इस मामले में फैक्ट्री के कुछ अधिकारी और कर्मचारी शामिल है लिहाजा उन को आशंका है कि उनके पति की हत्या की गई है। इस मामले में मृतक की पत्नी ने पुलिस पर दबाव बनाने का आरोप भी लगाया था। कुछ समय पहले मौसमी खटुवा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि, इस मामले को वापस लेने पर के लिए उन पर दबाव बनाया जा रहा है। उनको धमकाया जा रहा है।

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