भुवनेश्वर: खोरधा अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश-2 न्यायालय, भुवनेश्वर ने शुक्रवार को ओडिशा में तीसरे चरण के मतदान के दौरान कथित ईवीएम गिराने के मामले में चिलिका विधायक और खोरधा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक उम्मीदवार प्रशांत जगदेव की जमानत याचिका खारिज कर दी। जगदेव का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता पीतांबर आचार्य ने आरोप लगाया, “विधायक प्रशांत जगदेव निर्दोष हैं। पुलिस ने बिना एफआईआर के ही जगदेव को अपराधी की तरह गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तारी के समय उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। पीठासीन अधिकारी पर दबाव बनाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। मौजूदा विधायक को थाने में फर्श पर बैठा दिया गया। उन्हें खाना-पानी नहीं दिया गया। देर रात करीब 12.30 बजे मजिस्ट्रेट को जगाया गया और उन्हें कोर्ट भेज दिया गया।

7 साल से कम सजा वाले अपराध के मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और सीआरपीसी प्रावधान के अनुसार उन्हें थाने से ही जमानत मिल सकती थी। हालांकि, मतदान के दौरान बूथ पर ड्रामा रचा गया ताकि दूसरे जिलों में प्रभाव पैदा किया जा सके।” आचार्य ने राज्य में कई जगहों पर बीजद नेताओं से जुड़ी कई चुनावी हिंसा में पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए। 26 मई को भाजपा नेता जगदेव को 25 मई को ओडिशा में हुए तीसरे चरण के मतदान के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को गिराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

हालांकि, गांव के लोगों ने जगदेव की गिरफ्तारी की मांग की है। खोरधा जिले के बोलगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत कौनरीपटना, जहां कथित तौर पर यह घटना घटी, उन्होंने दावा किया कि विधायक के खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।

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