दिल्ली. मध्य प्रदेश के धार जिले में करीब 90 हेक्टेयर पर बन रहे राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान की सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए अज्ञात नाबालिग बच्चों ने इस विलुप्त जीव के कुछ जीवाश्मीकृत अंडे दिनदहाड़े चुरा लिए हैं। सूचना के अधिकार (आरटीआई) से यह जानकारी मिली।

नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत वन विभाग द्वारा उन्हें मुहैया कराए गए दस्तावेजों में राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान से अंडों की चोरी की सात महीने पुरानी वारदात का विस्तृत खुलासा हुआ। यह उद्यान बाग क्षेत्र के पाडल्या गांव में वन विभाग की ही देख-रेख में विकसित किया जा रहा है। जानकारों के मुताबिक, अंडों के ये जीवाश्म लगभग 6.5 करोड़ साल पुराने हैं।

दस्तावेजों में बाग के वन परिक्षेत्र अधिकारी  (रेंजर) का 17 सितंबर, 2018 को लिखा सरकारी पत्र शामिल है, जिसमें धार जिले के वन मंडलाधिकारी (डीएफओ) को डायनासोर जीवाश्म चोरी की रिपोर्ट भेजी गई।

इस पत्र में डीएफओ को बताया गया कि 16 सितंबर, 2018 को दोपहर 12 बजे के आस-पास कुछ अज्ञात नाबालिग बच्चों द्वारा राष्ट्रीय डायनासोर जीवाश्म उद्यान में अनाधिकृत रूप से प्रवेश कर वहां रखे बेशकीमती जीवाश्मों को तोड़ा गया और वे कुछ जीवाश्मों (डायनासोर के अंडे) को चुराकर अपने साथ ले भी गए।  कर्मचारियों के सूचना देने के बाद पुलिस उन बच्चों की तलाश कर रही है। बहरहाल, धार जिले में डायनासोर जीवाश्मों की चोरी की यह कोई पहली घटना नहीं है। गैर सरकारी खोजकर्ताओं के समूह मंगल पंचायतन परिषद ने वर्ष 2007 में पहली बार बाग क्षेत्र में डायनासोर के अंडे खोजे थे।