दिल्ली. क्या आपने कभी सोचा है कि कोई इंसान अपनी पत्नी की हत्या कर दे. इससे भी गजब ये कि हत्या करने के बाद उस शख्स को कोर्ट का जज सजा देने के बजाय रिहा कर दे. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ लेकिन स्काटलैंड के जज ने अपने फैसले में जो कहा वो वाकई में बड़ा दिलचस्प है.
दरअसल स्काटलैंड के 67 वर्षीय इयान गार्डेन को अपनी पत्नी की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने सुबूतों के बाद उनको गिरफ्तार किया औऱ जेल भेज दिया. गार्डेन ने तकिये से मुंह दबाकर अपनी पत्नी की हत्या कर दी थी. जब पुलिस ने हत्या की वजहों का पता लगाना शुरु किया तो उसे बेहद चौंकाने वाली जानकारी हाथ लगी. गार्डेन की पत्नी पैट्रीशिया करीब 40 सालों से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही थी. उनको हर दिन तिल-तिल कर मरते देख इयान बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे. बस एक दिन उन्होंने अपनी पत्नी को इस पीड़ा से मुक्ति देने की सोची औऱ रात को सोते वक्त तकिए से मुंह दबाकर हत्या कर दी. ये इयान के लिए बेहद पीड़ादायक फैसला था लेकिन फिर भी वो अपनी बेहद प्यारी पत्नी को इस तरह हर रोज मरते हुए नहीं देख सकते थे.
इतना ही नहीं इयान ने भले ही अपनी पत्नी की हत्या कर दी हो लेकिन उस घटना के बाद से वे खुद तनाव औऱ डिप्रेशन में चले गए. जब इयान का मामला कोर्ट पहुंचा और जज ने पूरे मामले को तफ्तीश से पढ़ा औऱ जांचा तो उन्होंने समझा कि इयान अपनी पत्नी से बेहद प्यार करते थे. उनकी पत्नी खुद उस हालात में बेहद दुखी थी औऱ वे रोज-रोज एक डर औऱ भय के साथ नहीं जीना चाहती थी.
हालांकि कोर्ट के लिए फैसला देना बेहद मुश्किल था. जजों का कहना था कि उन्हें इयान को जेल में रखने की कोई वाजिब वजह समझ ही नहीं आती. फैसला देने वाले जज लार्ड ब्रोडी और लार्ड टर्नबुल ने अपने फैसले में कहा कि इयान ने ये कदम सिर्फ और सिर्फ अपनी पत्नी को प्यार की वजह से मारा. वे अपनी पत्नी को उस हालात में नहीं देख सकते थे, जबकि उनकी पत्नी भी उस हाल में जीना पसंद नहीं करती थी. इंसानी जीवन को समझना न सिर्फ बेहद गंभीर बात है बल्कि इसकी जटिलताओं को समझना भी जरूरी है. कोई इंसान जो अपनी पत्नी के साथ 40 से भी ज्यादा सालों से रह रहा हो उसके ऐसा कदम उठाने के कोई ठोस कारण रहे होंगे.
अपने फैसले में कोर्ट ने इयान को रिहा करते हुए दुबारा समाज में जिंदगी शुरु करने की इजाजत दे दी. इस फैसले की न सिर्फ यूरोप बल्कि कई देशों में बेहद चर्चा हो रही है. वाकई में जजों का फैसला कई मायने में ऐतिहासिक है. क्योंकि इंसानी जीवन की जटिलताओं को समझना बेहद पेचीदा औऱ मुश्किल काम है. फिलहाल इयान अपनी जिंदगी को दोबारा व्यवस्थित करने में जुटे हैं.