सुप्रिया पांडे,रायपुर। बॉलीवुड की पंगा क्वीन कंगना रनौत एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में है. कंगना रनौत की आजादी वाले बयान पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने पलटवार किया है. किरणमयी ने कहा कि कंगना का ये बयान मानसिक दिवालियापन को दर्शाता है. ऐसे बकवास बयान देने के एवज में उन्हें पद्मश्री मिला है. एक अनपढ़ व्यक्ति और एक छोटा बच्चा भी आजादी के मायने समझता है. कंगना के कह देने से देश का आजादी का इतिहास नहीं बदला जा सकता.
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि जिसने नाखून भी नहीं कटाया, वे शहीद का दर्जा मांग रहे हैं. इनकी माफी मांगने वालों की एक कौम है, जो पूरी तरह से अंधभक्त है. मानसिक दिवालियापन के चक्कर में इन्हें सारी उपाधियां दी जाती है. एक अभिनेता जिन्होंने लोगों की जान बचाई, उसे पद्मश्री नहीं मिला. लेकिन बकवास और हेट स्पीच देने वाले को पद्मश्री दिया जा रहा है. राष्ट्रपति को उनका पद्मश्री अवार्ड स्वतः संज्ञान से वापस लेना चाहिए.
महिला आयोग में यदि कंगना के खिलाफ कोई शिकायत दर्ज कराए, तो कार्रवाई होगी. ऐसे मामले में पूरे देश की जनता को शिकायत करनी चाहिए. ऐसे व्यक्तियों की निंदा होने पर भी पब्लिसिटी मिलती है. इनकी ऐसी निंदा होनी चाहिए कि कहीं भी बयान देने से पहले सौ बार सोचे.
बता दें कि अभिनेत्री कंगना रनौत ने कहा था कि ‘1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मांगी गई, जो आजादी हमें 2014 में मिली. जिसके बाद विपक्षी दल कंगना के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. कंगना रनौत को हाल ही में पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया, उसे वापस लेने की मांग की जा रही है.
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