Sachar Committee And Waqf Board Amendment Bill 2024: मोदी सरकार (Modi government) ने संसद के मानसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में वक्फ बोर्ड (Waqf Board) संशोधन विधेयक लोकसभा (Lok Sabha) में पेश कर दिया है। आज (8 अगस्त 2024) दोपहर 1 बजे अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने लोकसभा में वक्फ एक्ट (Waqf Act) संशोधन बिल को पेश किया। बिल पेश होने के बाद विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री किरेन रिजिजू ने एक कमेटी का जिक्र किया, वो है ‘सच्चर कमेटी’। कांग्रेस की मनमोहन कार्यकाल (वर्ष 2006) में लाए गए इस कमेटी का मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के दौरान ‘ब्रह्मास्त्र’ की तरह इस्तेमाल किया। अल्पसंख्यक मंत्री ने इस कमेटी के रिपोर्ट का हवाला देकर विपक्ष के हर सवाल का मुंहतोड़ जवाब दिया। ऐसे में इस कमेटी की फिर से चर्चा होने लगी है। तो आइए जानते हैं क्या है- सच्चर कमेटी रिपोर्ट के बारे हर वो सुबकुछ जो आपके लिए बहुत जरूरी हैः-

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वक्फ बिल संशोधन विधेयक पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि वक्फ एक्ट में पहले भी संशोधन हुए हैं। हम सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर बदलाव कर रहे हैं। इस कमेटी को आप (कांग्रेस) ने ही बनाया था।

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कमेटी के रिपोर्ट पर कांग्रेस को घेरते हुए रिजिजू ने कहा कि सच्चर कमेटी के बारे में हम सभी को मालूम है। कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड की जितनी भी प्रॉपर्टी से उससे सिर्फ 163 करोड़ ही आमदनी होती है। अगर सही से मैनेज किया गया होता तो इससे 12 हजार करोड़ रुपये सालाना इकट्ठा हुए थे। ये बातें पुराने समय की है, आज ये और भी ज्यादा होगा। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया कि बोर्ड में महिला सदस्यों को भी जगह दी जाए। इसने कहा है कि महिलाओं और बच्चों को जगह दी जानी चाहिएष सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर ही इस बिल को लाया गया है।

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रिजिजू ने कहा कि सच्चर कमेटी आपने ही बनाई थी यूपीए के समय में। इस कमेटी ने कहा था कि वक्फ की जो संपत्तियां हैं, उनसे आमदनी जो बताई गई है, वह सही नहीं लगती। आज जो बिल पेश कर रहे हैं, वह सच्चर कमेटी की रिपोर्ट के अनुरूप ही है। उन्होंने वक्फ बोर्ड को लेकर बनी जेपीसी की सिफारिशें भी गिनाईं और कहा कि इनका ध्यान बस इसी में है कि किसे मुतल्लवी बनाना है, किसे हटाना है। वक्फ की संपत्तियों को सही तरीके से मैनेज नहीं किया गया है। वक्फ बोर्ड का कंप्यूटरीकरण करना चाहिए, म्यूटेशन रेवेन्यू रिकॉर्ड में होना चाहिए। जेपीसी के चेयरमैन आपके वरिष्ठ नेता थे। आप जो नहीं कर पाए, वह हम कर रहे हैं सदन में। ये राजनीतिक दबाव में विरोध कर रहे हैं, अंदर-अंदर समर्थन कर रहे हैं। मुझे मालूम है. राहुल गांधी जी सहमति देकर जा रहे हैं कि हम जो कह रहे हैं, सही कह रहे हैं।

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भारत सरकार को वक्फ पर बिल लाने का अधिकार

भारत सरकार को बिल लाने का अधिकार है। ये वक्फ अमेंडमेंट बिल अंग्रेजों के जमाने से लेकर के आजादी के बाद तक, कई बार पेश किया गया. ये एक्ट सबसे पहले 1954 में लाया गया था जिसके बाद कई अमेंडमेंट हुए हैं। जो अमेंडमेंट आज हम लाने जा रहे हैं, वह वक्फ एक्ट 1955 जिसको 2013 में अमेंडमेंट लाकर ऐसा प्रावधान डाला गया, जिसकी वजह से ये अमेंडमेंट हमें लेकर आना पड़ रहा है। 1955 के वक्फ अमेंडमेंट में जो भी प्रावधान लाया गया था, उसको लोगों ने अलग-अलग तरीके से देखा है। कई कमेटियां, कई लोगों ने पूरा एनालिसिस किया है। ये पाया गया है कि 1955 का वक्फ अमेंडमेंट जिस परपज से लाया गया था, वह पूरे नहीं हो रहे थे। कई खामियां मिली हैं।

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जानिए क्या है सच्चर कमेटी रिपोर्ट

सच्चर कमिटी या सच्चर समिति मार्च 2005 में तत्कालीन प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा ताहिर भारत में सात सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति थी। भारत में मुसलमानों की सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए समिति की अध्यक्षता दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश राजिंदर सच्चर ने की थी। समिति की पहली बैठक 21 अप्रैल 2005 को हुई थी।

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सच्चर कमेटी की रिपोर्ट मुसलमानों के बारे में क्या बात करती है?

सच्चर समिति की रिपोर्ट में बताया गया कि मुस्लिम समुदाय आर्थिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा हुआ है, सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का उचित प्रतिनिधित्व नहीं है, बैंक लोन लेने में इन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और कई मामलों में उनकी हालत अनुसूचित जाति-जनजातियों से भी ज़्यादा खराब है।

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सच्चर कमेटी बिल क्या है?

1. शि‍क्षा सुवि‍धा- 14 वर्ष तक के बच्‍चों को मुफ्त और उच्‍च गुणवत्‍ता वाली शि‍क्षा उपलब्‍ध कराना, मुस्‍लि‍म बहुल क्षेत्रों में सरकारी स्‍कूल खोलना, स्कॉलरश‍िप देना, मदरसों का आधुनि‍कीकरण करना आदि। 2. रोजगार: रोजगार में मुसलमानों का हिस्सा बढ़ाना, मदरसों को हायर सेकंडरी स्कूल बोर्ड से जोड़ने की व्यवस्था बनाना।

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