FARMERS PROTEST END: एक साल से चला आ रहा किसान आंदोलन अब खत्म हो गया है. किसान मोर्चा ने इसकी घोषणा की है. इससे पहले मोर्चे ने लंबी बैठक की, जिसके बाद घर लौटने पर फैसला लिया गया. किसान नेता बलवीर राजेवाल ने कहा कि हम सरकार को झुकाकर वापस जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि 15 जनवरी को किसान मोर्चा की एक और बैठक होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी. किसानों की वापसी की घोषणा के बाद 11 दिसंबर से दिल्ली सीमा से किसान लौटेंगे.

शराब पीने के लिए किसान से मांगा पैसे, नहीं दिया तो धारदार हथियार से किया हमला, 4 आरोपी गिरफ्तार

संयुक्त किसान मोर्चा ने बताया कि दिल्ली बॉर्डर से किसान 11 दिसंबर से हटने शुरू करेंगे. उसके बाद 13 दिसंबर को अमृतसर में हरमिंदर साहिब पर मत्था टेकेंगे. वहीं, 15 दिसंबर से पंजाब के टोल प्लाजा पर डटे हुए किसान भी हट जाएंगे.

फायरिंग का LIVE VIDEO: प्लॉट विवाद में बदमाशों ने बाइक सवार को मारी गोली, 4 लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज

सिंघु-कोंडली बॉर्डर से टेंट हटने शुरू

दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों ने भी ‘घर वापसी’ की तैयारी शुरू कर दी है. सिंघु-कोंडली बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान अब लौट रहे हैं. किसानों ने बॉर्डर पर बनाए अपने टेंट को उखाड़ना शुरू कर दिया है और तिरपाल, बिस्तर को ट्रकों-ट्रैक्टरों में रखना शुरू कर दिया है. किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को मान लिया है, इसलिए अब वो वापस लौट रहे हैं.

किसानों की घर वापसी की तैयारी शुरू
वहीं, पंजाब के 32 किसान संगठनों ने घर जाने का प्रस्ताव रखा है. पंजाब के किसान 11 दिसंबर से घर वापसी शुरू करेंगे. प्रस्ताव के मुताबिक, किसान 11 दिसंबर को बॉर्डर से निकलेंगे और 13 दिसंबर को अमृतसर के हरमिंदर साहिब पहुंचेंगे. किसान संगठनों ने टोल प्लाजा को भी मुक्त करने का प्रस्ताव किया है. पिछले साल सितंबर से ही किसान संगठनों ने पंजाब के सभी टोल प्लाजा को फ्री कर दिया था.

सरकार के प्रस्ताव में क्या ?

संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े सूत्रों ने बताया कि सरकार की ओर से जो नया प्रस्ताव भेजा गया है, उसमें सरकार ने MSP पर जो समिति बनाई जाएगी, उसमें संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्यों को शामिल करने की बात मान ली है. इसके साथ ही सरकार ने ये भी प्रस्ताव में लिखा है कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा की सरकारें किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को तुरंत वापस लेने पर सहमत हो गई हैं. दिल्ली में भी किसानों के ऊपर जो मामले दर्ज हैं, उन्हें वापस ले लिया जाएगा.

इसे भी पढे़ं : सुरक्षाकर्मी की काटी जा रही छुट्टियां, विरोध में परिवार के साथ बैठा धरने पर, जानिए क्या है मामला